ट्रेनों के परिचालन पर तीन मई तक ब्रेक, संचालन की अटकलों पर लगा विराम

ट्रेनों के परिचालन पर तीन मई तक ब्रेक, संचालन की अटकलों पर लगा विराम

जयपुर। देशभर में कोरोना संक्रमण के चलते लागू हुए लॉक डाउन का मंगलवार को बीसवां दिन है। वहीं देश की लाइफ लाइन कहलाने वाली भारतीय रेल के पहिए भी थमे हुए हैं। मंगलवार को लॉक डाउन अवधि केंद्र सरकार ने तीन मई तक बढ़ाने की घोषणा की है। ऐसे में फिलहाल तीन मई तक यात्री गाडिय़ों के संचालन की अटकलों पर विराम लग गया है। आईआरसीटीसी की तरफ से 15 अप्रैल के बाद से यात्री ट्रेनों की बुकिंग ऑन लाइन शुरू कर दी गई है। ऐसे में ट्रेनों के परिचालन की तैयारियों को लेकर रेलवे प्रशासन ने अब यात्री ट्रेनों की मेंटीनेंस तेज कर दी है। उत्तर पश्चिम रेलवे जोन अधिकारियों ने बताया कि फिलहाल मालगाडिय़ों का संचालन रेलवे कर रहा है। वहीं अब रेल मंत्रालय ने आगामी तीन मई तक यात्री ट्रेनों के परिचालन पर रोक लगा दी है। हालांकि जोन स्तर पर यात्री गाडिय़ों के डिब्बों की मेंटीनेंस का काम फिलहाल चल रहा है।
ज्यादा यात्रीभार वाले रूट पर शुरू हो सकता है संचालन
जोन के एक आलाधिकारी ने बताया कि लॉक डाउन खत्म होने के बाद उत्तर पश्चिम रेलवे जोन में सर्वाधिक यात्रीभार वाले रूटों पर ट्रेनों का संचालन शुरू करने पर विचार करेगा। माना जा रहा है कि पहले से संचालित हो रही ट्रेनों की बजाय ज्यादा यात्रीभार वाले रूटों पर ट्रेनों का संचालन आंशिक रूप से बहाल हो सकता है।
कोच की कमी का करना पड़ेगा सामना
रेलवे ने कोरोना संक्रमण के चलते कई ट्रेनों के कोच आइसोलेशन वार्ड के रूप में बनाए हैं। ऐसे में आगामी दिनों में ट्रेनों का परिचालन शुरू होने पर ट्रेनों में पूर्व की व्यवस्था के अनुसार लगाए जा रहे कोचों की संख्या में कटौती रेलवे को करनी होगी। सामान्यतया लंबी दूरी तक संचालित होने वाली पैसेंजर ट्रेनों में 24 से 26 कोच लगाए जाते हैं लेकिन कोच आईसोलेशन वार्ड बनाए जाने से आगामी समय में संचालित होने वाली यात्री गाडिय़ों में कोच कम लगाए जाने की संभावना है।
संक्रमण रोकने की पहल, कोच में कम यात्री
रेलवे अधिकारियों की मानें तो आगामी कुछ महीनों में कोरोना संक्रमण पर काबू पाने व संक्रमण रोकने के लिए रेलवे नई कार्य योजना तैयार कर रहा है। ऐसे में आरक्षित कोच में पहले जहां 72 बर्थ आरक्षित होती थी लेकिन अब इनकी संख्या में कटौती हो सकती है। यात्री डिब्बे में पहले एक कूपे में छह बर्थ आरक्षित कोटे में आवंटित होती हैं। लेकिन आगामी कुछ महीनों में कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए रेलवे छह की बजाय चार बर्थ ही अलॉट करने पर विचार कर रहा है। सोश डिस्टेंसिंग की पालना को लेकर कोच में मिडिल बर्थ को फिलहाल खाली रखने पर रेलवे प्रशासन विचार कर रहा है।ं

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