कोविन पोर्टल पर स्लॉट को शातिर 15-20 सैकंड में ही कर रहे बुकिंग - Khulasa Online कोविन पोर्टल पर स्लॉट को शातिर 15-20 सैकंड में ही कर रहे बुकिंग - Khulasa Online

कोविन पोर्टल पर स्लॉट को शातिर 15-20 सैकंड में ही कर रहे बुकिंग

जोधपुर। वैक्सीन के लिए पोर्टल पर स्लॉट नहीं मिल रहा है, कोई जुगाड़ है क्या ये सवाल इन दिनों शहर के तकरीबन हर दूसरे या तीसरे शख्स के मुंह से सुनने को मिल रहा है। हकीकत भी यही है कि आम लोगों को कोविन पोर्टल पर अपाइंटमेंट मिल ही नहीं रहा है। पिछले कई दिनों से चल रहे इसी सवाल का जवाबं के लिए ढूंढ निकाला शहर के सुभाष नगर निवासी आईटी एक्सपर्ट मनीष शर्मा ने। इसमें सामने आया कि कुछ लोग एक तैयार स्क्रिप्ट की मदद से पोर्टल पर स्लॉट ओपन होते ही 15-20 सैकंड में ही बुकिंग कर लेते हैं। जबकि, सामान्य यूजर की तरह कोशिश करने वाले जब तक पोर्टल पर नाम, मोबाइल नंबर सेंटर, पिन कोड या अन्य जानकारी भरते हैं, तब तक सारे स्लॉट बुक हो जाते हैं। इसके बाद वे सोशल मीडिया पर स्लॉट बुक नहीं होने की परेशानी साझा कर रहे हैं। कंप्यूटर पर स्क्रिप्ट के इस खेल को प्रत्यक्ष देखा, तो इसकी पुष्टि भी हो गई। वो स्क्रिप्ट या बोलचाल की भाषा में कहें तो प्रोग्राम है, जिसमें वैक्सीन के लिए स्लॉट बुक करने वाले व्यक्ति की पूरी जानकारी, पिनकोड इत्यादि पहले ही भर दिए जाते हैं। इसके बाद जैसे ही कोविन पोर्टल पर स्लॉट खुलते हैं, तो वो प्रोग्राम अपने आप ही वो तमाम जानकारी ओटोमैटिकली भरकर बुकिंग कर देता है। यहां तक कि सिक्योरिटी के लिए दिया जाने वाला च्कैपेचाज् भी प्रोग्राम में खुद-ब-खुद भरा जा रहा है। यानि, एक बार कंप्यूटर में जानकारी भरकर छोड़ भी दें, तो तय समय पर वो स्क्रिप्ट अपने आप ही चल जाती है। जुगाड़ एप की आड़ में साइबर क्रिमिनल्स लोगों के खातों में भी लगा रहे सेंध एक्सपर्ट मनीष शर्मा ने बताया कि कोविड-19 वैक्सीन रजिस्ट्रेशन की आड़ में साइबर क्रिमिनल्स भी एक्टिव हो चुके हैं। ये शातिर लोगों से ठगी करने के लिए फर्जी ऐप बनाकर या कोई लिंक सोशल मीडिया के जरिए लोगों तक पहुंचा रहे हैं। स्लॉट बुकिंग करवाने के झांसे में आकर लोग उन ऐप या लिंक को ओपन करके अपने आधार नंबर, मोबाइल नंबर इत्यादि जानकारी भरते हैं, लेकिन उस जानकारी से साइबर क्रिमिनल्स उन लोगों के बैंक खातों में भी सेंध लगा सकते हैं। जबकि, ऐसे किसी ऐप से स्लॉट बुकिंग या रजिस्ट्रेशन नहीं होता है। हाल ही में भारतीय कंप्यूटर इमजरेंसी रिस्पॉन्स टीम ने भी ऐसे ही फर्जी कोविड-19 वैक्सीन रजिस्ट्रेशन ऐप्स के बारे में बताते हुए लोगों को आगाह किया है। ऐसे फर्जी ऐप्स में कोविड -19 इत्यादि शामिल हैं।
स्लॉट बुक नहीं होने की जानकारी सोशल मीडिया पर साझा नहीं करें, आपके साथ ठगी भी हो सकती है
आग्रह पर डमी बुकिंग करने में 17 सैकंड लगे, लेकिन आमतौर पर सामान्य मोबाइल यूजर या कंप्यूटर पर 2-3 मिनट लग जाते हैं। तब तक स्लॉट ऐसी स्क्रिप्ट की वजह से बुक हो चुके होते हैं। प्रोग्रामिंग स्क्रिप्ट के जरिए ऐसा करने वाले कुछ लोगों की वजह से आम लोगों को परेशानी हो रही है।
इस स्क्रिप्टिंग को सीधे-सीधे हैकिंग तो नहीं कहा जा सकता, लेकिन कोविन पोर्टल पर सिक्योरिटी को बाइपास करना भी गलत ही है। यदि ऐसा करने वाला कोई शातिर इसके जरिए कमाई कर रहा है, तो वो क्राइम है। ऐसे लोगों की शिकायत स्थानीय पुलिस थाने में करनी चाहिए, ताकि सामान्य मोबाइल यूजर्स को भी स्लॉट मिल सकेंगे।

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