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प्रदेश के इस हॉस्पिटल में पहली बार हुआ बोन मेरो ट्रांसप्लांट, ब्लड कैंसर के मरीजों को मिलेगा फायदा, ये सबसे मुश्किल ऑपरेशन

खुलासा न्यूज, नेटवर्क। जयपुर के सवाई मानसिंह हॉस्पिटल (एसएमएस) की जनरल मेडिसिन डिपार्टमेंट टीम ने ब्लड कैंसर मरीज का बोन मेरो ट्रांसप्लांट किया। ये पहली बार है, जब मेडिसिन विभाग ने इस तरह का ट्रीटमेंट करके कैंसर मरीज का इलाज किया है। इस नई पहल के बाद अब ब्लड कैंसर मरीज को फायदा होगा। उनकी वेटिंग कम होगी। एलोजेनिक बोन मेरो ट्रांसप्लांट को सबसे जटिल ट्रांसप्लांट माना जाता है। एलोजेनिक ट्रांसप्लांट में मरीज के भाई या बहन से स्वस्थ स्टेम सेल्स लेकर मरीज के शरीर में ट्रांसफर किए जाते हैं। जो विकृत सेल्स का स्थान लेकर स्वस्थ रक्त सेल्स बनाना शुरू कर देते हैं। साथ ही नया इम्यून सिस्टम विकसित होता है। इसमे कैंसर विरोधी क्षमता होती है।

सवाई मान सिंह अस्पताल के बोन ट्रांसप्लांट विशेषज्ञ व हेमाटोलॉजिस्ट डॉ. विष्णु शर्मा के अनुसार उनकी यूनिट में गंभीर ब्लड कैंसर से पीडि़त एक मरीज भर्ती हुआ था। इसे पहले कीमोथेरेपी देकर कैंसर को कंट्रोल किया। बाद में कैंसर की गंभीरता को देखते हुए बोन मेरो ट्रांसप्लांट का सुझाव दिया। डॉ. विष्णु शर्मा के अनुसार मरीज और परिवार को इलाज की प्रक्रिया विस्तार से समझाने और सहमति के बाद ट्रांसप्लांट किया। उन्होंने बताया कि स्टेम सेल प्रत्यारोपण के बाद वाला समय बहुत संवेदनशील होता है। इसमें मरीज के ब्लड सेल्स व प्लेटलेट्स बहुत कम हो जाते हैं। मरीज को गहन देखरेख की जरूरत होती है।

इसमें मरीज के इलाज कि प्रक्रिया पूर्व निर्धारित प्रोटोकोल के तहत की जाती है। बहुत सारे विभागों के कॉर्डिनेट करना पड़ता है। उन्होंने बताया कि मरीज अब पूरी तरह से स्वस्थ है। छुट्टी दे दी गई है। शर्मा के अनुसार इस ट्रीटमेंट में सीनियर प्रोफेसर डॉ. अभिषेक अग्रवाल का प्रमुख सहयोग रहा। ट्रांसप्लांट टीम के अन्य सदस्य डॉ. आशुतोष राय, डॉ. कमलेश राजपुरोहित, डॉ. कुलदीप स्रवता और डॉ. हर्ष सैनी की भागीदारी अहम रही।

पीबीएम में भी इस प्रकार के प्रयोग की आवश्यकता

बीकानेर संभाग के सबसे बड़े हॉस्पिटल पीबीएम अस्पताल है। जहां हरियाणा, पंजाब सहित श्रीगंगानगर के अलावा अन्य जिलों से बड़ी संख्या में ब्लड कैंसर के मरीज पहुंच रहे है। अगर इस अस्पताल में भी इस प्रकार का प्रयोग किया जाता है तो कई मरीजों की जान बच सकती है। बता दें कि बीकानेर-श्रीगंगानगर के बीच एक स्पेशल कैंसर ट्रेन भी चलती है।

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