यूक्रेन में गिर रहे बम, बज रहें है सायरन, दौड़ रही है गाडियां, बीकानेर के स्टूडेंट्स मौत के मुंह में है, कोई है तो बचा लाओ - Khulasa Online यूक्रेन में गिर रहे बम, बज रहें है सायरन, दौड़ रही है गाडियां, बीकानेर के स्टूडेंट्स मौत के मुंह में है, कोई है तो बचा लाओ - Khulasa Online

यूक्रेन में गिर रहे बम, बज रहें है सायरन, दौड़ रही है गाडियां, बीकानेर के स्टूडेंट्स मौत के मुंह में है, कोई है तो बचा लाओ

 

खुलासा न्यूज़ , श्रीडूंगरगढ़। यूक्रेन पर रूस के हमले की खबरों से पूरी दुनिया में दहशत का माहौल है और ऐसे माहौल में श्रीडूंगरगढ़ कस्बे का निवासी एक युवक आरिज यूक्रेन में है। आरिज श्रीडूंगरगढ़ है। आप भी पढें आरिज के शब्दों में सीधी युद्ध के हालातों की खबर यूक्रेन से।
आरिज (यूक्रेन)
यहां अभी माहौल युद्ध का जरूर है लेकिन राजधानी कीव में हालात नाजुक हुए है इसके अलावा अन्य शहरों में हालात अभी सामान्य ही है। मैं करीब डेढ़ महीने पहले ही भारत से यूक्रेन के शहर विनित्सा में आया था। जहां नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी के दस हजार स्टूडेंट्स की बड़ी संख्या में भारतीय स्टूडेंट्स भी शामिल है। मेरा इसी यूनिवर्सिटी के पास भारतीय खाने का रेस्टोरेंट खोलने का मन था। लेकिन मेरे आने के बाद से ही यहां युद्ध के बादल मंडरा रहे है और रेस्टोरेंट खोलना तो दूर अभी यहां सायरन की आवाजों के बीच लोग घरों में दुबके है। यहां गोलियां, टैंक, बारूदी हमलें तो नहीं हो रहे लेकिन युद्ध के माहौल के कारण कुछ अफरातफरी जरूर मची हुई है। भारत सरकार ने युद्ध को देखते हुए सभी भारतीयों से सड़क मार्गों से पोलेंड पहुंचने को कहा है जहां से वे भारतीय छात्रों को एयरलिफ्ट करेगें। लेकिन पोलेंड बार्डर तक पहुंचने के लिए कई कई जगहों से तो 700 किलोमीटर की दूरी है जो फंसे हुए छात्रों के लिए वहां तक पहुंचना संभव ही नहीं है। युद्ध के कारण सभी कैब, अंतरराष्ट्रीय बसें व अन्य यातायात साधन बंद है और निजी कारें बहुत भारी दामों में टैक्सियां उपलब्ध करवा तो रही पर बहुत कम और ऐसे में बिना सुरक्षा एवं बिना किसी व्यवस्था के भारतीय छात्रों का तो पोलेंड तक पहुंचना मुश्किल ही है। यहां सभी को इंतजार है कि युद्ध समाप्त हो एवं जल्द हालात सामान्य हो जाएं। यहां पर सबसे बड़ी दिक्कत नकदी की है क्योंकि दुकानदारों ने कार्ड से पेमेंट लेना बंद कर दिया है। ऐसे में एटीएम के आगे लंबी लाईनें आमजन के लिए परेशानी का कारण बन रही है। मॉल व दुकानों में राशन का सामान समाप्त हो रहा है और कई लोगों ने अपने घरों में इसका स्टॉक कर लिया है। खाने पीने के सामानों के दाम बेतहाशा बढ़ गए है एवं सामान ब्लैक भी हो रहा है। बड़ी संख्या में लोगों को खाने का सामान मिलने में परेशानी होने लगी है। रात को यहां 11 बजे कर्फ्यू लगा दिया जाता है एवं दिन में केवल आवश्यक कार्यों के लिए ही घरों से बाहर आने की अनुमति दी जा रही है। सड़कें सुनसान नजर आ रही है और यहां कई शहरों एवं प्रांतों पर रूस के सैनिकों ने कब्जा कर लिया है लेकिन रूसी सेना ने किसी भी आमजन को परेशान नहीं कर रही है। यहां एमबीबीएस करने वाले विद्यार्थियों के सामने बड़ा संकट है क्योंकि आगे जून में यहां परीक्षाएं होनी है। यहां का स्थानीय प्रशासन मिसाइल हमलों की सूचना के दौरान साईरन बजा कर अलर्ट कर रही है और साईरन बजते ही लोग भी सुरक्षित स्थानों में छिप जा रहें है। बड़ी संख्या में विद्यार्थी यहां बेग पैक करके यूनिवर्सिटी के हॉल में बैठे है कि कोई मदद मिले तो वे यहां से निकल सकें। मैं यहां सुरक्षित हूं व अभी यहां से नहीं निकलने का ही मन है।

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