
कालाबाजारी: चारा व्यापारी अब नहीं कर सकेंगे स्टोरेज






इलाके में गेहूं का प्रोडक्शन एरिया घटने से चारे का संकट भी सामने आ सकता है। इसी को देखते हुए आपदा प्रबंधन, सहायता एवं नागरिक सुरक्षा विभाग ने इस बार चारा व्यापारियों को सौ एमटी से ज्यादा चारे का स्टोरेज अपने यहां नहीं करने के निर्देश दिए हैं। विभाग का उद्देश्य इलाके में चारे की कालाबाजारी को रोकना है। इस संबंध में डिपार्टमेंट के शासन सचिव आशुतोष एटी पेडणेकर ने आदेश जारी किया है। इसमें गौशालाओं को चारा स्टोरेज की लिमिट से मुक्त रखा गया है। आदेश में कहा गया है कि गौशालाओं को छोड़कर अन्य चारा व्यवसायी अनावश्यक रूप से पशु चारे का भंडारण नहीं करें। चारा व्यापारियों के लिए भी चारा स्टोरेज की लिमिट 100 मीट्रिक टन रखी गई है।
काला बाजारी और आगजनी टालना उद्देश्य
पशु चारे की काला बाजारी रोकने के लिए यह फैसला किया गया है। इसके अलावा इलाके में तापमान भी ज्यादा रहता है। ज्यादा तापमान और हीटवेव के चलते अधिक मात्रा में सूखे चारे का स्टोरेज खतरे से भरा है। ऐसे स्थानों पर चारे के जलने की भी संभावना बनी रहती है।
ज्यादा स्टोरेज पर रहेगी नजर
चारे का तय लिमिट से ज्यादा स्टोरेज पाए जाने पर सरकारी अधिकारी इसकी जांच भी करेंगे। चारे के स्टोरेज का निरीक्षण राजस्व विभाग, पशुपालन विभाग और कृषि विभाग के अधिकारी टीम के रूप में करेंगे। जिले में गौशालाओं के अलावा अन्य सभी व्यावसायिक संस्थानों को सौ मीट्रिक टन से ज्यादा चारे का भंडारण करने की अनुमति नहीं होगी।


