औद्योगिक क्षेत्र रानीबाजार में खड़ी हो बीकेईएसएल की केश वेन

औद्योगिक क्षेत्र रानीबाजार में खड़ी हो बीकेईएसएल की केश वेन

बीकानेर । जिला उद्योग संघ के अध्यक्ष द्वारका प्रसाद पचीसिया एवं होटल उद्योग उत्थान संस्थान के सचिव प्रकाश ओझा ने बिजली सम्बन्धित समस्याओं के निवारण हेतु बीकेईएसएल कंपनी के सीओओ शांतनु भट्टाचार्य से मुलाक़ात की । समस्याओं से अवगत करवाते हुए बताया कि बिजली के बिल जमा करवाने हेतु औद्योगिक क्षेत्र रानीबाजार में केश वेन खड़ी करवाई जाए क्योंकि पूरे शहर में जिला प्रशासन द्वारा कर्फ्यू की घोषणा की हुई है जिसके कारण औद्योगिक इकाइयों को अपने बिल जमा करवाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है और समय पर बिल जमा करवाना संभव नहीं हो पा रहा है । साथ ही स्थायी शुल्क वसूली 50प्रतिशत की बजाय 25 प्रतिशत की जाए क्योंकि वर्तमान समय में पूरे देश में कोरोना महामारी के कारण लगभग सभी उद्योग धंधे बंद होने के कगार पर आ गये हैं और मुख्य सचिव उद्योग सुबोध अग्रवाल की अध्यक्षता में गठित टास्क फ़ोर्स द्वारा मुख्यमंत्री को सौंपी गई रिपोर्ट में स्थायी शुल्क माफ़ करने की सिफारिश की गई है इसलिए जब तक कमेटी की रिपोर्ट पर निर्णय लिया जाता है तब तक वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए कंपनी को स्थायी शुल्क को 25प्रतिशत के हिसाब से वसूल किया जाना चाहिए ताकि उद्यमियों को राहत मिल सके । जोधपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड द्वारा निकाली गई ऑडिट की राशि को अलग एकाऊंट में अंकित करते हुए मूल उपभोग की राशि का बिल बनाया जाए क्योंकि वर्तमान में जोधपुर विद्युत वितरण निगम द्वारा लगभग सभी बिलों में ऑडिट में बकाया राशि निकाली जा रही है जिसको कंपनी द्वारा जारी बिजली बिलों में जोड़कर उपभोक्ता को भिजवाया जाता है । इस हेतु उपभोक्ता को कंपनी के चक्कर लगवाकर ऑडिट राशि को अलग करवाकर बिल ठीक करवाने हेतु जाना पड़ता है । इसलिए कंपनी को पहले से ही इस ऑडिट राशि को अलग एकाऊंट में दर्शाया जाना चाहिए ताकि उपभोक्ता कंपनी द्वारा जारी उपभोग की गई बिजली का बिना विभागीय चक्कर निकाले सीधे ऑनलाइन या अन्य माध्यम से भुगतान कर सके । इस पर कंपनी सीईओ शांतनु भट्टाचार्य ने बताया कि रविवार को 26 जुलाई को प्रात: 10 बजे से अपरान्ह 2 बजे तक केश वैन बीकानेर जिला उद्योग संघ के पास खड़ी कर दी जायेगी । और स्थाई शुल्क में किसी भी तरह का बदलाव जो कि विद्युत विनियामक बोर्ड द्वारा किया जाता है एवं इसके लिए राज्य सरकार से सिफारिश की जा सकती है । साथ ही सीईओ ने संघ अध्यक्ष को ऑडिट राशि से प्रभावित इकाइयों की सूची भिजवाने को कहा ताकि इस समस्या का भी कोई निवारण करने के प्रयास किये जा सके।

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