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भाजपा की कलह आई सामने, उपाध्यक्ष ने लगाया भ्रष्टाचार का आरोप

श्रीगंगानगर। जिले की श्रीबिजयनगर नगर पालिका में सोमवार को उपाध्यक्ष ममता मिड्‌ढा के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के लिए मतदान में भाजपा की कलह खुलकर समने आ गई। पालिका में भाजपा के आठ निर्वाचित पार्षद होने के बावजूद 25 सदस्यीय सदन में अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 22 वोट पड़े। नगर पालिका पार्षदों ने उपाध्यक्ष ममता मिड्‌ढा का विरोध करते हुए उनके खिलाफ जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा था।इसके बाद जिला कलेक्टर ने इस मुद्दे पर वोटिंग के लिए एडीएम को प्रभारी लगाया था। पार्षदों ने उपाध्यक्ष ममता मिड्ढा पर भ्रष्टाचार केआरोप लगाए थे।
चर्चा शुरू होते ही हंगामा
नगर पालिका में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए सोमवार सुबह दस बजे बैठक रखी गई थी। इसमें सदस्यों को उपस्थित रहने के लिए जिला कलेक्टर ने नोटिस जारी किया था। बैठक के लिए सभी पार्षद मौजूद रहे। इस दौरान हंगामा भी हुआ। इसके बाद वोटिंग करने की घोषणा कर दी गई। 25 सदस्यीय सदन में भाजपा, कांग्रेस और निर्दलीय तीनों के आठ-आठ पार्षद थे जबकि एक माकपा पार्षद है। सदन में 8 भाजपा पार्षदों के बावजूद अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 22 वोट पड़े। वोटिंग के बाद नगर पालिका उपाध्यक्ष ममता मिड्‌ढा ने प्रेस कांफ्रेंस कर भाजपा छोडऩे की घोषणा कर दी।
उपाध्यक्ष पर भ्रष्टाचार के आरोप
सदस्यों ने 23 दिसम्बर को उपाध्यक्ष ममता मिड्‌ढा पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए जिला कलेक्टर को ज्ञापन दिया था। इस पर जिला कलेक्टर ने अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए बैठक बुलाने की व्यवस्था दी। इसके लिए सूरतगढ़ एडीएम को प्रभारी अधिकारी लगाया गया था। इसके बाद 27 दिसम्बर को सभी पार्षदों को नोटिस जारी किया गया और दो जनवरी को वोटिंग हुई।
उपाध्यक्ष बोली सांसद, विधायक का दबाव
उपाध्यक्ष ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि वे भाजपा से पार्षद हैं और भाजपा ने ही उनका विरोध किया है। उन्होंने बिना किसी विधायक का नाम लिए कहा कि यह सांसद, विधायक के दबाव का परिणाम है। ऐसे में वे पार्टी छोड़ रही हैं।

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