बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष पूनिया अकेले ही रामदेवरा पदयात्रा पर निकले पार्टी की फूट उजागर, - Khulasa Online बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष पूनिया अकेले ही रामदेवरा पदयात्रा पर निकले पार्टी की फूट उजागर, - Khulasa Online

बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष पूनिया अकेले ही रामदेवरा पदयात्रा पर निकले पार्टी की फूट उजागर,

जयपुर। राजस्थान बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष डॉ सतीश पूनिया के अकेले ही पोकरण से रामदेवरा पदयात्रा पर निकलने पर स्थानीय बीजेपी नेताओं में खलबली मच गई। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के जोधपुर दौरे के बाद पूनिया ने आज एकला चलो की राह पकड़ी, तो बीजेपी में अंदरूनी फूट उजागर हो गई। बीजेपी का कोई भी बड़ा नेता पार्टी प्रदेशाध्यक्ष पूनिया के साथ पदयात्रा पर नहीं आया। पूनिया ने ट्वीट और फेसबुक पर पोस्ट कर कटाक्ष भरे अंदाज में लिखा है- सफर में धूप तो होगी, जो चल सको को चलो। सभी हैं भीड़ में, तुम भी निकल सको तो चलो। किसी के वास्ते राहें कहां बदलती हैं। तुम अपने आप को खुद ही बदल सको तो चलो। आज 11 सितम्बर 2022 शक्ति स्थल-पोकरण से रामदेवरा पदयात्रा। जय बाबे री…जय जय रूणिचा रा धणियां…….
बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया के अकेले पदयात्रा के फैसले के बाद पार्टी के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री तो नहीं पहुंचे, लेकिन क्षेत्र के कई बीजेपी नेताओं को सूचना मिलने ही वो पदयात्रा के लिए दौड़ पड़े। कई नेता पूनिया के साथ पैदल यात्रा में पहुंचना शुरू हो गए।पूनिया ने जब अपने संकल्प के मुताबिक पोकरण में जाज्वला माता मंदिर दर्शन कर गोमट गांव से पैदल यात्रा शुरू की। तो उनके अकेले पदयात्रा पर निकलने की सूचना मिलने पर स्थानीय बीजेपी नेताओं और कार्यकर्ताओं में खलबली मच गई। पोकरण के पूर्व विधायक शैतान सिंह राठौड़, महेंद्र प्रताप पुरी महाराज, पंचायत समिति साकड़ा के प्रधान भगवत सिंह तंवर, भाजपा के रामदेवरा मंडल के पूर्व अध्यक्ष नारायण सिंह तंवर, नगर पालिका अध्यक्ष मनीष पुरोहित, भाजपा जिला मंत्री मदन सिंह राजमथाई, समाजसेवी गुलाब सिंह गढ़ी, पोकरण के पूर्व नगर मंडल अध्यक्ष बद्रीनारायण दाधीच सहित काफी संख्या में कार्यकर्ता और पदाधिकारी उनके साथ पदयात्रा में शामिल हो गए हैं।
इससे पहले सतीश पूनिया ने आज सुबह जोधपुर एयरपोर्ट पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को सी-ऑफ किया। इस दौरान उनके साथ प्रदेश संगठन महामंत्री चंद्रशेखर, पूर्व सीएम वसुंधरा राजे, उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी, सांसद राजेंद्र गहलोत, पीपी चौधरी, सीपी जोशी मौजूद रहे। फिर जोधपुर में पाली सांसद पीपी चौधरी के आवास पर बीजेपी टीम राजस्थान के साथ चाय पर चर्चा की गई। पूनिया ने उसका भी ट्वीट पोस्ट किया।
पाली सांसद पीपी चौधरी के जोधपुर आवास पर आज सुबह पूर्व ष्टरू वसुंधरा राजे, संगठन महामंत्री चंद्रशेखर, उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी, सांसद राजेंद्र गहलोत, पीपी चौधरी, सीपी जोशी के साथ सतीश पूनिया।
पाली सांसद पीपी चौधरी के जोधपुर आवास पर आज सुबह पूर्व ष्टरू वसुंधरा राजे, संगठन महामंत्री चंद्रशेखर, उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी, सांसद राजेंद्र गहलोत, पीपी चौधरी, सीपी जोशी के साथ सतीश पूनिया।
इससे पहले 6 सितंबर को बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और कैलाश चौधरी का पोकरण से रामदेवरा पदयात्रा का प्रोग्राम प्रस्तावित था। लेकिन सूत्रों के मुताबिक विरोधी गुट के प्रदेश के एक नेता विशेष की ओर से दिल्ली में पार्टी आलाकमान तक यह शिकायत पहुंचाई गई थी, कि उन्हें और पार्टी के कई नेताओं को रामदेवरा पदयात्रा में शामिल होने के लिए आमंत्रित नहीं कहा गया। जिसके बाद यह पदयात्रा स्थगित कर दी गई थी। लेकिन अब अमित शाह का दौरा होने के बाद सतीश पूनिया पार्टी नेताओं को साथ नहीं लेकर निजी धार्मिक पदयात्रा की तर्ज पर ही पोकरण से रामदेवरा के लिए निकल पड़े। कैलाश चौधरी और गजेंद्र सिंह शेखावत भी उनके साथ नहीं हैं। पूनिया तय कार्यक्रम के मुताबिक परमाणु शक्ति केंद्र पोकरण से रामदेवरा की 13 किलोमीटर पदयात्रा पर निकले।
रामदेवरा पदयात्रा के सियासी मायने
हालांकि सतीश पूनिया ने अपने ट्वीट के जरिए खुद ही कह दिया है कि- सफर में धूप तो होगी ही, जो चल सके वह चले। भीड़़ में सभी हैं, तुम भी निकल सको तो चलो और किसी के वास्ते राहें कहां बदलती हैं। इन लाइनों के जरिए बीजेपी नेताओं को साफ मैसेज है कि किसी के कहने से पूनिया अपनी राहें और प्रोग्राम बदलने वाले नहीं हैं। जिसको चलना है वह साथ चल सकता है। सियासी गलियारों में चर्चा है कि रामदेवरा धाम की पदयात्रा से पूरे मारवाड़ ही नहीं राजस्थान भर में मैसेज जाता है। रामदेवरा पश्चिम राजस्थान का महाकुम्भ कहलाता है। रामसा पीर का मंदिर साम्प्रदायिक सदभाव की मिसाल भी है। श्रद्धालु पहले जोधपुर में बाबा के गुरु के मसूरिया पहाड़ी स्थित मंदिर में भी दर्शन करते हैं। उसके बाद जैसलमेर की ओर कूच करते हैं। लोककथाओं के अनुसार बाबा के पिता अजमाल और माता मीनल ने द्वारिका के मंदिर में प्रार्थना कर प्रभु से उन जैसी संतान प्राप्ति की कामना की थी। इसीलिए बाबा रामदेव को कृष्ण का अवतार माना जाता है। बहुत से लोग रामदेवरा में मन्नत भी मांगते हैं और मुराद पूरी होने पर कपड़े का घोड़ा बनाकर मंदिर में चढ़ाते हैं। क्षेत्र के सभी जाति-वर्ग,समाज के लाखों लोगों की रामसा पीर के समाधि स्थल में गहरी आस्था है।

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