
भाजपा पार्षद का अपनी ही महापौर पर हल्ला बोल,केन्द्रीय के विरोधी अब चयन पर उठा रहे सवाल






खुलासा न्यूज,बीकानेर। अपने आपको भगवाधारी पार्टी कहने वाली भाजपा का निगम में बोर्ड होने के बाद भी उसी के पार्षद अपने महापौर पर निशाना साध रहे है। जिसको लेकर एक बार फिर महापौर विवादों में आ गई है। इस बार मामला धार्मिक रूप ले रहा है। भाजपा की ही पार्षद लक्ष्मीकंवर हाडलां ने महापौर और आयुक्त पर सवाल उठाएं है कि वे विकास कार्यों में भेदभाव कर रहे है। श्मशान और कब्रिस्तान के विकास के लिए बनी पॉलिसी और उसके आधार पर हुए कामों को लेकर हाडलां ने आरोप जड़े है कि एक साथ श्मशान और कब्रिस्तान के काम मंजूर हुए थे। कब्रिस्तान के काम एक नोटशीट पर लेकर पूरा करा दिया। भुगतान तक हो गया लेकिन श्मशान विकास के लिए अब तक टेंडर भी नहीं लगे। निगम प्रशासन और मेयर की ये नीति ठीक नहीं है।
दरअसल सरकार की नीति है कि 60:40 के तहत श्मशान और कब्रिस्तान का विकास होना है। इसी लिहाज से बीकानेर पूर्व और पश्चिम विधानसभा में श्मशानों के लिए 60-60 लाख रुपए और कब्रिस्तानों के विकास के लिए 40-40 लाख रुपए मंजूर हुए थे। निगम प्रशासन ने कब्रिस्तान के कामों को एक नोटशीट पर लेकर अगस्त में ही काम शुरू करा दिया। पश्चिम विधानसभा क्षेत्र में जुलाई में टेंडर लगाया गया। अब कब्रिस्तान के काम पूरे हो गए। उनका भुगतान भी हो चुका लेकिन श्मशानों के लिए अभी तक टेंडर नहीं हुए। हाडलां ने कहा कि मैंने मेरे वार्ड में कब्रिस्तान का विकास कराया लेकिन श्मशान की फाइल क्यों रोकी गई। बकौल पार्षद निगम कर्मचारियों का कहना है कि पश्चिम क्षेत्र के श्मशानों की फाइल मेयर के पास पड़ी है। पश्चिम विधानसभा क्षेत्र के 11 और बीकानेर पूर्व क्षेत्र के छह श्मशानों को विकास के लिए चुना गया था। आईजीएनपी श्मशान में शवदाह ग्रह भी बनना है जिसकी फाइल भी ठंडे बस्ते में पड़ी है।
पूर्व में भी अपने उठा चुके है कार्यशैली पर सवाल
आपको बता दे कि यह पहला मौका नहीं जब महापौर को अपनों से घिरना पड़ रहा है। उससे पहले भी भाजपा के अनेक पार्षद खुलकर पार्टी की बैठकों में महापौर की कार्यशैली पर सवाल उठा चुके है। बार बार इस तरह के आन्तरिक गतिरोध ने कही न कही केन्द्रीय मंत्री के चयन को भी चुनौती दे दी है। अब प्रदेश स्तर पर केन्द्रीय मंत्री के विरोधियों को बैठे बैठाएं यह मुद्दा मिल गया कि हिन्दुत्व का झंडा लेकर चलने वाली पार्टी के निगम बोर्ड की मुखिया के पति भी गौसेवक को धमकाने के विवाद में आ चुके है। ऐसे में अनेक बार महापौर अपनी ही पार्षदों के निशाने पर आ चुकी है।
एक दो दिन में नये टेण्डर
उधर भाजपा पार्षद लक्ष्मीकंवर हाडलां के विरोध के बाद निगम प्रशासन हरकत में आया और श्मसान भूमि के विकास के लिये नये टेण्डर की प्रक्रिया में जुट गया है। ऐसी संभावाना जताई जा रही है कि एक दो दिन में नये टेण्डर कर इस विवाद में लगी आग को ठंडा करने का प्रयास किया जाएगा।


