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बीकानेर के हक का पानी जोधपुर भेजा, सात मंत्रियों पर भारी पड़े देवीसिंह भाटी, कल तक पानी आने की संभावना

बीकानेर. पिछले डेढ़ माह से अधिक नहरबंदी होने से शहरवासियों को पेयजल संकट का सामना करना पड़ रहा है। नहरबंदी खत्म होने वाली थी कि बीकानेर को मिलने वाला पानी अब सीधे जोधपुर भेज दिया गया है। इससे बीकानेर को मिलने वाला पानी का हक जोधपुर भेजने शहरवासी आक्रोश व मायूस दिखाई दे रहे है। शहरवासियों का कहना है कि नहरबंदी बढ़ने से पानी की समस्या बढ़ गई है। इससे शारीरिक के साथ आर्थिक रूप से परेशान हो रहे है। मजे की बात है कि बीकानेर में चार केबिनेट मंत्री व तीन राज्य मंत्री का दर्जा होने के बावजूद भी बीकानेर का पानी जोधपुर भेज दिया गया। ऐसे में बीकानेर की जनता अब अपने चारों केबिनेट मंत्रियों व तीन राज्य मंत्रियों से सवाल पूछ रही है कि आखिर बीकानेर से इतने मंत्री होने के बावजूद बीकानेर को अपना हक क्यों नहीं मिला। वहीं बीकानेर के पूर्व सिंचाई मंत्री देवीसिंह भाटी इन चारों केबिनेट मंत्रियों व तीन राज्यमंत्री का दर्जा प्राप्त के ऊपर भारी पड़ते दिखाई दे रहे है। बीकानेर से एकमात्र देवीसिंह भाटी है जो बीकानेर की जनता के लिए पानी व पशुधन के लिए चारा की मांग कर रहे है। जैसे ही देवीसिंह भाटी को बीकानेर के हक का पानी जोधपुर भेजने की सूचना मिली तो उन्होंने 30 मई को जोधपुर लिफ्ट हैड पर कब्जा करने की बात कही है। पिछले दिनों सहित विभिन्न मांगों को लेकर बीकानेर कलेक्ट्रेट परिसर में आमरण अनशन पर बैठने वाले पूर्व मंत्री देवीसिंह भाटी ने एक बार फिर पानी वितरण की व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए जोधपुर लिफ्ट हैड पर कब्जा करने की बात कही है। उन्होंने कहा कि सिंचाई विभाग ने सीएमओ के दबाव में पहले जोधपुर लिफ्ट में बीकानेर को बाइपास कर पानी चलाना तय किया। ऐसे में जैसलमेर तो 10 दिनों बाद पानी पहुंचेगा। जिससे बीकानेर, नागौर, जैसलमेर में आदमी के साथ पशुधन पानी की किल्लत से मारा जाएगा। इस पानी वितरण को लेकर भाटी ने आक्रोश जताया

जानकारों से मिली सूचना के अनुसार सीएमओ से आदेश आया कि जोधपुर को पहले पानी दिया जाएं। ऐसे में अगर बीकानेर की चारों मंत्री व तीन राज्यमंत्री इसके खिलाफ उठाते थे उन्हें अपनी कुर्सी से हाथ धोना पड़ता। दो दिन पहले ही खेल मंत्री अशोक चांदना ने भी सरकार के प्रशासनिक अधिकारी के खिलाफ आवाज उठाई थी और इस्तीफे की पेशकश की थी, उसके बाद वे सीएम अशोक गहलोत से मुलाकात के बाद उनके तेवर ठंडे पड़ गए। ऐसे में बीकानेर के मंत्री नहीं चाहते की वे सीएम अशोक गहलोत से सीधी बात कर सकें और अपने हक के लिए आवाज उठाएं। ऐसे होने से इन मंत्रियों को अपनी कुर्सी जाने का डर भी सता रहा है। बीकानेर से शिक्षा मंत्री डॉ. बी.डी.कल्ला है जो बीकानेर की किसी भी बात के लिए सीएम से सीधा नहीं बोलते है और न ही सीएमओ तक बात पहुंचाते है। ऊर्जा मंत्री भंवरसिंह भाटी तो सीएम के खास है फिर भी वे बीकानेर की जनता की पानी के लिए बोलते नहीं है, वहीं आपदा प्रबंधन मंत्री गोविन्दराम मेघवाल तो सीएम के सामने अपनी बात रख नहीं पाते है और अभी नए-नए मंत्री बने है तो उन्हें कुर्सी जाने का डर सताता रहता है। वहीं दूसरी ओर सरकार ने राजनीतिक नियुक्तियां की थी, जिसमें राजस्थान स्टेट एग्रो इंडस्ट्रीज डवलपमेंट बोर्ड के अध्यक्ष बने रामेश्वरलाल डूडी की सीएम के साथ कई बार अदावत हो चुकी है, सीएमओ व सीएम स्तर पर उनके काम नहीं होते है। वहीं डॉ.भीमराव अम्बेडकर फाउण्डेशन के अध्यक्ष मदनगोपाल मेघवाल, राजस्थान केश कला बोर्ड के अध्यक्ष महेन्द्र गहलोत व भूदान यज्ञ बोर्ड के अध्यक्ष लक्ष्मण कड़वासरा तो नए-नए राज्यमंत्री का दर्जा मिलने से नहीं चाहते की सीएम अशोक गहलोत की सीधी नजरें उन पर आए जिससे इनको इस पद से हटाया जा सकें।

दो दिनों में आएगा शोभासर जलाशय में पानी, बीछवाल में कल तक आने की संभावना
बिरधवाल हैड से बीकानेर के लिए पानी रोक दिया गया है इससे 28 मई को बीकानेर वासियों को मिलने वाला पानी अब देरी से मिलेगा। जलदाय विभाग के अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार 30 या एक जून के आस-पास पानी मिलने की संभावना है। 28 मई को पानी मिलने से शहरवासियों ने राहत की सांस ली थी, दोपहर बाद पानी सीधा जोधपुर के भेज देेने से पानी बीकानेर नहीं पहुंच पाया और शहरवासी मायूस हो गए। इससे लोगों के सामने अभी भी पेयजल संकट की समस्या बनी हुई है। जलदाय विभाग के अधीक्षण अभियंता बलवीर सिंह ने बताया कि 750 आरडी से शोभासर जलाशय के लिए पानी छोड़ दिया गया है। दो दिनों में पानी शोभासर जलाशय में आ जाएगा। वहीं बीछवाल जलाशय में पानी कल सुबह तक पहुंचने की उम्मीद जताई जा रही है।

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