संघर्षों से लड़कर आसमां की ऊँचाई पर बीकानेर का लाल , जानिए संघर्ष की कहानी
खुलासा न्यूज़ , बीकानेर । संघर्षों से लड़कर आसमां की ऊँचाई पर बीकानेर का लाल के संघर्ष की कहानी हर किसी के लिए प्रेरणादायक है ।
बीकानेर के दो युवाओं ने भारतीय सेना की अग्रिम पंक्ति में खुद को खड़ा कर लिया है। इनमें एक थल सेना में लेफ्टिनेंट बन गए हैं तो दूसरे वायु सेना में फाइटर प्लेन के पायलट। मधुसुदन ने महज एक साल की उम्र में अपने पिता को खो दिया फिर भी हालातों से लड़कर सरकारी नौकरी की और नौकरी के साथ साथ फाइटर पायलट बनने का सपना भी पूरा किया। उसने पारिवारिक हालातों से लड़कर देश के दुश्मनों से लड़ने के संकल्प को पूरा कर लिया है।
शनिवार को जब हैदराबाद में आयोजित भारतीय वायुसेना के ग्रेजुएट पासिंग परेड चल रही थी, तो इसमें बीकानेर का जिक्र भी हुआ। यहां देशनोक के युवा मधुसुदन देपावत को फ्लाइंग ऑफिसर यानी फाइटर प्लेन के पायलट के रूप में बड़ी जिम्मेदारी मिली। देशनोक के दानाणियों के बास निवासी मधुसूदन देपावत पटवारी दिवंगत नारायण दान व गुलाब कंवर के पुत्र हैं।