
बीकानेर / अखंड सुहाग व सुयोग्य वर की कामना के साथ किया पूजन, सुहागिनों ने रखा व्रत






खुलासा न्यूज़, बीकानेर । अखंड सुहाग व सुयोग्य वर की कामना के साथ कजरी तीज पर रविवार को सुहागिनों व कन्याओं ने कजरी तीज का व्रत रखा। बीकानेर में पूरे दिन व्रत कर शाम को सोलह श्रृंगार कर तीज माता की पूजा की। पूजा के बाद महिलाओं ने चंद्र दर्शन का इंतजार किया। चंद्र देव को अर्घ्य देकर, सत्तू खाकर ही व्रत का पारणा किया जाता है।
कजरी तीज के चलते शनिवार को तीज की पूर्व संध्या पर महिलाओं ने सिंजारा व धमोली की। नव विवाहिताएं अपने पीहर आकर धमाेली की व रविवार को तीज माता की पूजा की। शहर के हर गली मोहल्ले व मंदिरों में तीज पूजन का विशेष आयोजन हुआ। सज-धज कर सोलह श्रृंगार कर महिलाओं ने नीमड़ी पूजन किया व तीज माता की कथा सुनी। नव विवाहिताओं ने तीज का उद्यापन भी किया।
श्रावण मास कृष्ण पक्ष की तीज को कजरी तीज मनाई जाती है। इसे बड़ी तीज व सत्तूडी तीज भी कहा जाता है। तीज का व्रत का पारणा गेहूं, चावल व चने से बने सत्तू खाकर किया जाता है। इसलिए इसे सत्तूड़ी तीज भी कहा जाता है। भीतरी शहर में पुष्करणा बाहुल्य क्षेत्र में इस व्रत का पारणा आक के पौधे के पत्तों पर सत्तू परोस कर किया जाता है। महिलाएं व युवतियां पूरे दिन निर्जला व निराहार रहकर व्रत रखती हैं और चांद निकलने के बाद दर्शन कर जल से अर्पण कर अखंड सुहाग की कामना के साथ व्रत का पारणा करती हैं।


