बीकानेर थिएटर फेस्टिवल रविवार को रमेश बोहरा को अर्पित किया जाएगा निर्मोही नाट्य सम्मान - Khulasa Online बीकानेर थिएटर फेस्टिवल रविवार को रमेश बोहरा को अर्पित किया जाएगा निर्मोही नाट्य सम्मान - Khulasa Online

बीकानेर थिएटर फेस्टिवल रविवार को रमेश बोहरा को अर्पित किया जाएगा निर्मोही नाट्य सम्मान

बीकानेर। बीकानेर थिएटर फेस्टिवल के दूसरे दिन शनिवार को रंग उत्साह चरम पर रहा। पांच मंचों पर नाटकों का मंचन हुआ। वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. नंद किशोर आचार्य के साथ रंग संवाद और डॉ. चंचला पाठक के हिंदी काव्य संग्रह का विमोचन हुआ। फेस्टिवल के तीसरे दिन रविवार को भी पंाच नाटक मंचित होंगे। वहीं जोधपुर के रंगकर्मी रमेश बोहरा को निर्मोही नाट्य सम्मान अर्पित किया जाएगा।
आयोजन समिति सदस्य हंसराज डागा ने बताया कि शनिवार के नाटकों की शुरूआत हंशा गेस्ट हाउस में बीकानेर के सुधेश व्यास निर्देशित नाटक अंतर्नाद से हुई। इसी श्रृंखला में जम्मू के रंग निर्देशक रवीन्द्र शर्मा का नाटक ‘दोज़ख’ रेलवे ऑडिटोरियम में, चंडीगढ़ के वरुण शर्मा का ‘गगन दमामा बाज्यो’ टाउन हॉल में, दिल्ली के अरविंद सिंह का ‘रुदाली’ रवीन्द्र रंगमंच तथा मुंबई के फरीद अहमद का ‘चंदु की चाची’ टीएम ऑडिटोरियम मे मंचित किया गया।
सतीश सालुंके के लिखे अंर्तनाद में वरिष्ठ रंगकर्मी विजय नाईक और आभा शंकर ने भूमिका निभाई। वहीं मंच पार्श्व में भरत राजपुरोहित, आमिर हुसैन, काननाथ गोदारा और राहुल चावला की भागीदारी रही। विलियम सेक्शपीयर के नाटक दोज़ख में गोतम शर्मा, मुकेश बक्शी, संदीप मन्हास, विजय शर्मा और रोहित आदि ने भाग लिया। चंडीगढ़ की परम्परा आर्ट सोसायटी द्वारा पीयूष मिश्रा के नाटक गगन दामामा बाज्यो को भी दर्शकों की भरपूर सराहना मिली। सनिचरी के जीवन पर आधारित नाटक रुदाली और चंदु की चाची को दर्शकों की वाहवाही मिली। नाटकों के मंचन के पश्चात निर्देशकों का सम्मान किया गया।
आयोजन से जुड़े सुरेन्द्र धारणिया ने बताया कि तीसरे दिन सुबह 11.30 बजे हंशा गेस्ट हाउस में बीकानेर के सुरेश आचार्य का ‘फिर ना मिलेगी जिंदगी’, दोपहर 2 बजे रेलवे ऑडिटोरियम में जयपुर के रवि चतुर्वेदी का ‘आखिर इस मर्ज की दवा क्या है’, सायं 4 बजे रवीन्द्र रंगमंच पर जोधपुर के रमेश भाटी का ‘सफर’, सायं 5ः45 बजे बीकानेर के दिलीप सिंह निर्देशित ‘कोर्ट मार्शल‘ तथा दिल्ली के श्याम कुमार को ‘कल्लू नाई एमबीबीएम’ टीएम ऑडिटोरियम में सायं 8 बजे मंचित किया जाएगा।
आयोजन समन्वयक सुनील जोशी ने बताया कि इससे पहले शनिवार प्रातः हंशा गेस्ट हाउस में डॉ. नंद किशोर आचार्य और मालचंद तिवाड़ी के मध्य ‘रंग संवाद’ आयोजित हुआ। इस दौरान नाट्य लेखक और निर्देशक के मध्य समन्वयक एवं एक-दूसरे के प्रति अपेक्षाओं पर वैचारिक आदान-प्रदान किया गया। इस दौरान डॉ. आचार्य एवं तिवाड़ी ने कवयित्री डॉ. चंचला पाठक के हिंदी काव्य संग्रह ‘प्रयाग से छूट रही एक नदी’ का विमोचन किया। इस दौरान राजस्थान राज्य मेला प्राधिकरण के उपाध्यक्ष रमेश बोराणा, मधु आचार्य ‘आशावादी’, हेमंत डागा सहित अनेक लोग मौजूद रहे। विभिन्न सत्रों का संचालन संजय पुरोहित ने किया। इस दौरान हिमांशु व्यास, केके रंगा, भरत राजपुरोहित और मदन मारु सहित आयोजन से जुड़े विभिन्न लोग मौजूद रहे।
आयोजन से जुड़े मधु सूदन अग्रवाल ने बताया कि शनिवार को रंग कार्यशालाओं की शुरूआत हुई। अरुण व्यास और स्वाति व्यास ने 15 वर्ष से अधिक आयु के बच्चों और अमित तिवाड़ी और यश चौहान द्वारा छोटे बच्चों को अभिनय के गुर सिखाए गए। चार दिवसीय कार्यशाला के पहले दिन लगभग पचास बच्चों ने भाग लिया। होटल मिलेनियम में यह कार्यशाला अनवरत रूप से चलेगी।
अनुराग कला केन्द्र के सचिव कमल अनुरागी ने बताया कि फेस्टिवल के तीसरे दिन जोधपुर के वरिष्ठ रंगकर्मी रमेश बोहरा को ‘निर्मोही नाट्य सम्मान’ अर्पित किया जाएगा। बोहरा को प्रशस्ति पत्र और इक्कीस हजार रुपये नकद प्रदान किए जाएंगे। उक्त सम्मान हंशा गेस्ट हाउस में आयोजित रंग संवाद के पश्चात् दिया जाएगा।

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