बीकानेर: इस थाने के थानाधिकारी की कोर्ट ने जमकर की खिंचाई, कहा कांस्टेबल जमानती वारंट कोर्ट मे पेश नहीं हो रहा है तो सेना की मदद लो

बीकानेर: इस थाने के थानाधिकारी की कोर्ट ने जमकर की खिंचाई, कहा कांस्टेबल जमानती वारंट कोर्ट मे पेश नहीं हो रहा है तो सेना की मदद लो

बीकानेर: इस थाने के थानाधिकारी की कोर्ट ने जमकर की खिंचाई, कहा कांस्टेबल जमानती वारंट कोर्ट मे पेश नहीं हो रहा है तो सेना की मदद लो
बीकानेर। बीकानेर। जिले के महाजन पुलिस थाने के थानाधिकारी को पीठासीन अधिकारी ने जमकर खिंचाई की है क्योकि उनके अधीन कार्य करने वाला एक कांस्टेबल लगातार कोर्ट का वांरट तामिल नहीं करवा रहा है। इस नाराज होकर पीठासीन अधिकारी ने इसको इतनी नाराजगी जताई कि एक युवक की हत्या के मामले में इस तरह की लापरवाही कताही सहन सहन नहीं है। पीठासीन अधिकारी की खिंचाई करते हुए कहा अगर कांस्टेबल नहीं आता है तो सेना की मदद लो पर उस कोर्ट में पेश करें
मामला बीकानेर के महाजन पुलिस थाना क्षेत्र में एक व्यक्ति की हत्या का है जिसकी सुनवाई न्यायालय अपर सेशन न्यायाधीश संख्या पांच में चल रही है। महाजन के रामबाग में 19 जनवरी, 23 को राकेश जाट की लाठियों से पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने बिशनाराम और ओमप्रकाश के खिलाफ कोर्ट में चालान पेश किया और मामले की सुनवाई चल रही है। इस दौरान थाने का कांस्टेबल पूनमचंद गवाही के लिए कोर्ट में पेश नहीं हुआ तो कोर्ट ने पांच जून, 24 को उसका जमानती वारंट जारी कर दिया। उसे 29-30 जुलाई को तलब किया गया। लेकिन, तारीख पेशी पर ना तो वारंट तामील लौटा और ना ही बिना तामील किए लाया गया। इससे नाराज कोर्ट के पीठासीन अधिकारी ने 12 अगस्त को महाजन पुलिस थाने के एसएचओ कश्यपसिंह की जमकर खिंचाई की और स्पष्टीकरण मांग लिया।
कोर्ट ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है एसएचओ अपने कर्तव्य के प्रति उदासीन है व कार्य करने में असक्षम हैं। अपने अधीनस्थ कांस्टेबल से गवाह की तामील नहीं करवा सके तो सेना की मदद से तामील करावें। सेना की मदद लेने की रिपोर्ट कोर्ट को उपलब्ध कराई जाए। कोर्ट ने यह भी कहा कि तामील नहीं लौटाना पद की गरिमा के विरुद्ध है।
इस कृत्य पर क्यों ना फौजदारी कार्यवाही अमल में लाई जाए। उसके बाद 12 अगस्त को एसएचओ ने स्पष्टीकरण दिया और 6 सितंबर को गवाह कांस्टेबल पूनमचंद ने कोर्ट में उपस्थित होकर बयान दिए। कचहरी परिसर के गलियारों में यह मामला चर्चा का विषय बन गया। वकील, कार्मिकों का कहना है कि बीकानेर ही नहीं, पूरे प्रदेश में संभवत: यह पहला मामला होगा जिसमें कोर्ट ने गवाह का जमानती वारंट तामील करवाने वास्ते सेना की मदद लेने के लिए कहा हो।
एसएचओ ने स्पष्टीकरण में कहा कि भविष्य में लापरवाही नहीं होगी
अधीनस्थ कांस्टेबल का वारंट तामील नहीं होने पर महाजन पुलिस थाने के एसएचओ ने कोर्ट में अपना स्पष्टीकरण दिया और कहा कि भविष्य में ऐसी लापरवाही नहीं की जाएगी। इसका पूरा ध्यान रखा जाएगा। अपने स्पष्टीकरण में एसएचओ ने कोर्ट को बताया कि साक्षी कांस्टेबल पूनमचंद का जमानती वारंट तामील के लिए प्राप्त हुआ था। कांस्टेबल राजाराम ने 29 जुलाई को जमानती वारंट तामील कराने के बाद बीकानेर की डाक में रखा था। अगले दिन एक अन्य मामले में अतिरिक्त सिविल न्यायाधीश एवं न्यायिक मजिस्ट्रेट संख्या एक में बयान थे।

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