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 बीकानेर- अधीक्षण अभियंता भूपसिंह ने भेजा फर्जी पत्र! मिली भगत से नहीं मिल रही सूचना

जल ग्रहण योजना पर घोटाले के ग्रहण का आरोप,अधिकारियों की 
-सोशल एक्टिविस्ट और अधिवक्ता ने लगाए जिला परिषद पर बड़े आरोप
 बीकानेर। जल ग्रहण योजना के अंतर्गत घोटाले की बू आ रही है। इस सम्बंध में अधिवक्ता और सोशल एक्टिविस्ट रणवीर आचार्य ने गंभीर आरोप लगाए है। आचार्य ने इस सम्बंध में बीकानेर संभागीय आयुक्त,जिला कलक्टर और जिला प्रमुख सहित कई अधिकारियों को पत्र लिखकर इस घोटाले की निष्पक्ष जांच करवाने और शिकायती पत्रो पर कार्रवाई करने की मांग की है। वहीं इस मामले को लेकर आरटीआई लगाने के बाद भी अधिकारी सूचना देने में आनाकानी कर रहे है। आचार्य ने बताया कि 6 सितम्बर को उनके द्वारा पत्राचार कर जल ग्रहण योजना के सम्बंध में जानकारी मांगी गयी लेकिन उसका कोई जवाब नहीं आया। आरटीआई के पत्रों को वापस भेज दिया गया जो कि बड़े घोटाले की और इशारा कर रहे है। आचार्य द्वारा इस सम्बंध में जयपुर कार्यालय द्वारा भी सूचना के आदेश के बाद भी सूचना नही दी जा रही है। आचार्य ने बताया कि अधीक्षण अभियंता भूपसिंह द्वारा सूचना देने का एक फर्जी पत्र भी भेजा गया है जो कि उनके पास आया ही नहीं। आचार्य ने आरोप लगाया है कि जिला परिषद के अधिकारी और कुछ एनजीओ जो कि फर्जी तरीके से कार्य कर रही है। सभी ने मिलीभगत कर राजस्व को करोड़ो का नुकसान पहुंचाया है। जिसमें घोटाले की बू आ रही है। जिसके चलते अब अधिकारी सूचना देने में भी आनाकानी कर रहे है। कलक्टर द्वारा इस सम्बंध में घोटाले की जांच को लेकर एक पत्र लिखा गया लेकिन जिला परिषद द्वारा भ्रष्ट अधिकारियों को ही इस जांच कमेटी में शामिल किया गया है। आचार्य ने बताया कि जिन लोागें को कमेटी में शामिल किया गया है उन पर ही भ्रष्टाचार के आरोप है। ऐसे में निष्पक्ष जांच होना मुमकिन नहीं है। आचार्य ने आरोप लगाया है कि गठित की गयी कमेटी को जांच के दौरान दस्तावेज जप्त करने थें लेकिन मिलीभगत के कारण नही किए और ना ही निष्पक्ष जांच हो रही है। बकौल आचार्य ने बताया कि पिछले 8 महीने में इस सम्बंध में कई मर्तबा अधिकारियों को घोटाले का उजागर करने के लिए पत्र लिख चुके है। मरे हुए लोगों को भ्रष्ट अधिकारियों द्वारा प्रशिक्षण देना व समाग्री देना बताया गया है। पत्राचार करने और शिकायत करने के बाद भी अधिकारियेंा द्वारा कार्रवाई ना करना,सूचना ना देना और पत्राचार का जवाब नहीं देना बड़े घोटाले की और इशारा कर रहा है। अधिवक्ता ने आरोप लगाया है कि जिला परिषद के अधिकारियों की मिलीभगत से करोड़ों रूपए के घोटाले को दबाने का प्रयास किया जा रहा है।

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