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119 कैमराें से होगी बीकानेर स्टेशन की निगरानी, इस खास टेक्नाेलाॅजी के लगेंगे कैमरे

बीकानेर। रेलवे स्टेशन के छह प्लेटफार्म, फर्स्ट और सेकंड एंट्री गेट पूरी तरह से 119 कैमराें की निगरानी में रहेंगे। यहां घूमने वाले संदिग्ध लाेगाें व अपराधियाें की पहचान अब पुलिस व जीआरपी मिलकर आसानी से कर सकेंगे, क्याेंकि यहां 12 कैमरे फेस रिकग्निशन वाले टेक्नाेलाॅजी हाेंगे। इन कैमराें काे किस जगह पर लगाया जाना है। ये जीआरपी तय करेगी। करीब पाैने दाे कराेड़ रुपए की लागत से लगाए जा रहे इन कैमराें का कंट्राेल जीईरपी के पास रहेगा।

वर्तमान में बीकानेर स्टेशन पर दस साल पहले लगाए गए 61 में से 57 सीसीटीवी कैमरे काम कर रहे हैं। ये कैमरे पुरानी तकनीक पर आधारित हैं। इन कैमराें की संख्या कम हाेने से पूरे रेलवे स्टेशन की निगरानी करना अब संभव नहीं है। ऐसे में आरपीएफ व बीकानेर स्टेशन ने मिलकर एक सर्वे किया, जिसमें 119 कैमराें की आवश्यकता जताई गई थी। डीआरएम राजीव श्रीवास्तव ने बताया कि कैमरे लगाने के लिए बेंगलुरू की फर्म को जिम्मा दिया हुआ है। अभी पाेल व वायरिंग का काम चल रहा है। यह काम 31 अगस्त तक पूरा करने का लक्ष्य रखा है।

4 तरह के कैमरे लगेंगे : सिस्टम के तहत 38 बाॅक्स टाइप, 34 डाॅम टाइप, 35 पीटीजैड टाइप और 12 कैमरे 4-के यूएचडी कलर फेस रिकॉग्निशन तकनीक के लगाए जाएंगे। ये सभी कैमरे आरडीएसओ और एसटीक्यूसी द्वारा प्रमाणित होंगे। रेलवे परिसरों के भीतर अधिकतम कवरेज सुनिश्चित हो सकेगा।

अपराधियाें की फाेटाे मिलाने में होगी आसानी: फेस रिकग्निशन कैमरे लगवाने के साथ ही अपराधियों की फोटो सहित अन्य जानकारी लेकर सॉफ्टवेयर में अपलोड की जाएगी। इसके बाद यदि कोई अपराधी रेलवे स्टेशन पर आता है तो उसका संकेत कंट्रोल रूम को मिलेगा।

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