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सूरसागर: हर साल हो रहा खर्च, 17 साल में कर दिए इतने करोड़ खर्च, लेकिन स्थिति…

सूरसागर: हर साल हो रहा खर्च, 17 साल में कर दिए इतने करोड़ खर्च, लेकिन स्थिति…

बीकानेर। कई साल पहले सूरसागर का पुराना वैभव लौटाने का प्रयास किया गया। साफ़-सफाई भी हुई। लोग शाम के समय यहां घूमने के लिए भी आने लगे। लेकिन धीरे-धीरे यहां की स्थिति फिर से खराब होती चली गई। हर बार बजट पास होता है। सफाई होती है, लेकिन स्थिति जस की तस ही नजर आती है। मानों सूरसागर अब सरकार के लिए सफेद हाथी बन गया है। 2008 में 6 करोड़ रुपए लगाकर इसकी सफाई कराई। तब यह प्लान था कि इसके वैभव को वापस लाएंगे लेकिन वापस 5 करोड़ रुपए से ज्यादा और लग गए। बावजूद इसके सूरसागर की स्थिति में कोई सुधार नहीं हो रहा है। कभी भी कोई भी दिवार ढह जाती है और पानी तो दूर-दूर तक नहीं है। हालत यह हो गए कि कभी बच्चे यहां क्रिकेट खेलने लगे हैं तो कभी प्रतियोगिता का आयोजन स्थल बन जाता है। दरअसल प्रशासन सूरसागर पर कोई स्थिर फैसला नहीं ले पा रहा। असमंजस की स्थिति और राजनीतिक दबाव के कारण हर साल यहां लाखों रुपए खर्च होने के बाद भी इसकी स्थिति में भी कोई सुधार नहीं हो रहा। प्रशासन इस पर न तो पैसे खर्च करना बंद कर रहा और न ही इसे पूरी तरह विकसित कर पा रहा है। 2008 से लेकर अब तक करीब 11 करोड़ रुपए सूरसागर पर खर्च हो चुके हैं और हाल ही में एक करोड़ रुपए का और टेंडर लगाया गया। जिससे पिछले साल की टूटी थी दीवार अब ठीक कराई जा रही है। इस एक करोड़ को भी शामिल कर लें तो करीब 12 करोड़ रुपए सूरसागर सिर्फ मरम्मत पर खा चुका है। मगर इसको देखने पर शर्म ही आती है। सपने दिखाए थे कि यहां झील बनेगी। म्यूजिकल फाउंटेन लगेंगे। वोटिंग होगी लेकिन यहां दूर-दूर तक इसकी कोई गुंजाइश नजर नहीं आती। नजर आता तो सिर्फ एक सेल्फी प्वाइंट जहां लोग आकर कुछ देर फोटो खींचकर चले जाते हैं। न जाने और कितने करोड़ रुपये सूरसागर खाएगा। तब जाकर इसकी तस्वीर सुधरेगी। प्रशासन को अब सोचना होगा की क्या इसका कोई और भी ऐसा विकल्प है जिससे राशि खर्च न करके कमाई का साधन बने।

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