बीकानेर आरटीओ की हठधर्मिता,चालक मनाएंगे काली दीपावली

बीकानेर आरटीओ की हठधर्मिता,चालक मनाएंगे काली दीपावली

बीकानेर। एक ओर केन्द्र व राज्य सरकार मजदूर हितैषी होने का दावा करती है और उनके कल्याण विभिन्न प्रकार की योजनाओं को चलाने की बात कहती है। वहीं दूसरी ओर लालफीताशाही पर सरकार के नियंत्रण के अभाव में श्रमिकों को आर्थिक व मानसिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जिसका जीता जागता उदाहरण बीकानेर आरटीओ द्वारा हाईकोर्ट केआदेशों की अवहेलना है। जानक ारी के अनुसार 26 मार्च 19 को राजस्थान हाईकोर्ट ने अपने एक फैसले में बीकानेर में एलपीजी गैस व प्रदूषण रहित ऑटो को परमिट जारी करने के निर्देश जारी किये थे। लेकिन बीकानेर आरटीओ न्यायाधीश संगीत लोढा के इस फैसले को लागू नहीं कर रहे है। उनकी इस हठधर्मिता के कारण सैक ड़ो ऑटोचालकों के त्यौहार बदरंगी हो गये है।

हालात ये है कि दीपावली जैसे बड़े त्यौहार पर ऑटो चालकों की यह दीपावली काली दीपावली होगी। जिसमें वे अपने परिवार की इच्छाओं को पूरा नहीं कर पाएंगे। आरटीओ की इस हठधर्मिता और तानाशाही रवैये पर भारतीय राष्ट्रीय ट्रांसपोर्ट कर्मचारी फै डरेशन (इंटक) के उपाध्यक्ष हेमन्त किराडू ने रोष जताया है। किराडू ने कहा कि जहां केन्द्र व राज्य सरकार अपने कर्मचारियों को बोनस देकर उनकी दीपावली की खुशियां बढा रही है। वहीं बीकानेर आरटीओ की नादरशाहीपूर्व तरीके पर कोई कार्यवाही न कर सैकड़ों ऑटो चालकों के अरमानों पर पानी फेर रही है।

किराडू ने कहा कि रोजमरा कमाने वाले चालकों को प्रत्येक माह ब्याज चुकाना पड़ रहा है। उन्होनें कहा कि आरटीओ को धारा 74 के तहत परमिट जारी करने का अधिकार है। लेकिन आरटीओ जानबूझकर ऐसा नहीं कर रहे है। फैडरेशन के अशोक पुरोहित, मदन पंवार, अब्दूल गफ ुर छोटू, जाकीर पडिहार, कमल शर्मा एडवोकट, के के कल्ला, आदि मुख्यमंत्री को मांग पत्र भेजकर राजस्थान हाई कोर्ट द्वारा दिए गए फैसले का लागू करवाने की मांग की है। ताकि ऑटो चालकों को राहत मिल सके।

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