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बीकानेर/ रीट 2021 नकल : महिला को भेजा जेल, चार आरोपी पुलिस रिमांड पर, मास्टरमाइं अभी तक फरार

खुलासा न्यूज, बीकानेर।  बीकानेर। रीट परीक्षा में नकल करवाने के प्रयास के मामले में दबोचे गए गिरोह के चार सदस्यों को गंगाशहर पुलिस ने रिमांड पर ले रखा है। वहीं आरोपी महिला को जेल भिजवा दिया गया था। दूसरी तरफ जयनारायण व्यास कॉलोनी पुलिस ने भी आरोपी सुरजाराम को 29 सितंबर तक रिमांड पर ले रखा है। गिरोह का मास्टर माइंड तुलसाराम कालेर अभी तक फरार है। उसे दबोचने के प्रयास जारी हैं।

गैंग का सरगना पहले भी गिरफ्तार
इस गैंग का सरगना तुलसीराम कलेरा पहले भी नकल के मामले में गिरफ्तार हो चुका है। जयनारायण व्यास कॉलोनी में कोचिंग सेंटर चलाने वाला तुलसीराम एक भर्ती में नकल कराने के लिए बीकानेर से गिरफ्तार हुआ था। तब एक प्राइवेट स्कूल और एक इंस्टीट्यूट के संचालक भी फंस गए थे। तब कई दिन जेल में रहने के बाद उसे जमानत मिल गई थी।

अब तक ये हुए गिरफ्तार

  • मदनलाल पुत्र भीखाराम जाट निवासी जेगलिया बीदावतान, चूरू
  • त्रिलोकचंद पुत्र भंवरलाल, निवासी नोखा, बीकानेर
  • ओम प्रकाश पुत्र बेगाराम जाट निवासी रामपुर ताल का थाना छापर, चूरू
  • गोपाल कृष्ण पुत्र रामलाल जाट निवासी जेगलिया बीदावतान, चूरू
  • किरण पत्नी नरेंद्र कुमार जाट निवासी लोहा, रतनगढ़ चूरू

इन्होंने खरीदी थी चप्पल, गिरफ्तार

  • हनुमान बिश्नोई, एग्जाम सेंटर, प्रतापगढ़
  • मालाराम बिश्नोई, एग्जाम सेंटर, प्रतापगढ़
  • आदूराम, एग्जाम सेंटर नीमकाथाना, सीकर
  • सुरजाराम, एग्जाम सेंटर वल्लभगार्डन, जयनारायण व्यास कॉलोनी, बीकानेर
  • गणेशाराम, एग्जाम सेंटर, अजमेर
  • ऐसे होनी थी नकल
    जिस अभ्यर्थी को रिमोट और चप्पल दी गई थी, उन्हें नकल का पूरा प्रॉसेस बताया गया था। अभ्यर्थी से दो मोबाइल लिए गए थे। एक मोबाइल को खोलकर उसके सारे हिस्से रिमोट और चप्पल में फिट कर दिए गए, जबकि दूसरा मोबाइल सरगना ने अपने पास रखा। ये तय हुआ था कि परीक्षा शुरू होने के साथ ही सभी 25 मोबाइल सामने रखकर एक साथ उत्तर दिए जाएंगे। नकल के लिए इस गैंग को पेपर मिला या नहीं? ये अभी तय नहीं है। बीकानेर पुलिस इसकी जांच कर रही है। पुलिस का कहना है गैंग में कई लोग शामिल हो सकते हैं।

    एक रात पहले दबोचा, पर चुप्पी रखी
    बीकानेर पुलिस ने शनिवार-रविवार की दरमियानी रात को ही चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया था। किसी को कानों कान खबर तक नहीं होने दी। जिन लोगों ने चप्पल खरीदी थी, उन्हें एग्जाम सेंटर से ही गिरफ्तार करने की योजना बनी थी। इसकी भनक रात को मुख्य सरगना तुलसीराम को लग गई थी। ऐसे में वो फरार हो गया। कुछ अभ्यर्थियों को भी पता चल गया था। ऐसे में वो भी सेंटर पर परीक्षा देने नहीं आए।

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