बीकानेर: बिजली का ‘प्रीपेड युग’ शुरू, उपभोक्ताओं में असंतोष—स्मार्ट मीटरों को लेकर विरोध तेज

बीकानेर: बिजली का ‘प्रीपेड युग’ शुरू, उपभोक्ताओं में असंतोष—स्मार्ट मीटरों को लेकर विरोध तेज

बीकानेर: बिजली का ‘प्रीपेड युग’ शुरू, उपभोक्ताओं में असंतोष—स्मार्ट मीटरों को लेकर विरोध तेज

खुलासा न्यूज़। नापासर कस्बे में विद्युत विभाग द्वारा स्मार्ट प्रीपेड मीटरों की स्थापना का कार्य आरंभ कर दिया गया है। फिलहाल जहां मीटर खराब है वह ट्रायल के तौर पर बंगो के मोहल्ले में कुछ घरों में ये मीटर लगाए गए हैं। नई व्यवस्था के तहत अब बिजली भी मोबाइल की तरह प्रीपेड मिलेगी—जितनी यूनिट, उतना रिचार्ज। यूनिट खत्म होते ही सप्लाई भी बंद हो जाएगी।विभाग के अनुसार इन स्मार्ट मीटरों से बिजली चोरी पर रोक लगेगी, साथ ही उपभोक्ताओं को बकाया बिल, मीटर रीडिंग का झंझट भी नहीं रहेगा। यह मीटर मोबाइल ऐप से जुड़े रहेंगे, जिससे रियल टाइम मॉनिटरिंग संभव होगी।लेकिन जहां विभाग इसे पारदर्शिता की दिशा में कदम बता रहा है, वहीं कस्बे में विरोध की लहर भी तेज हो गई है। पूर्व भाजयुमो अध्यक्ष बसंत स्वामी, पार्षद रामचन्द्र दैया, मुरली भारती, राधाकिशन व्यास, दीपक पारीक, और निर्मल गहलोत सहित अनेक जनप्रतिनिधियों और नागरिकों ने इसका पुरजोर विरोध किया है।

विरोधकर्ताओं का आरोप है कि ये मीटर उपभोक्ताओं को नुकसान पहुंचाएंगे क्योंकि इनमें रीडिंग अधिक दिख रही है, जिससे अधिक बिल चुकाना पड़ेगा। उन्होंने इसे जनता के आर्थिक शोषण की नई साजिश करार दिया और चेताया कि उपभोक्ता की सहमति के बिना कनेक्शन काटना या जबरन मीटर लगाना जनविरोध को न्योता देने जैसा होगा।उन्होंने मांग की कि पहले से लगे स्मार्ट मीटरों को तुरंत हटाकर पारंपरिक मीटर पुनः लगाए जाएं। यदि विभाग ने जबरन यह योजना लागू की तो आंदोलन की चेतावनी भी दी गई है,

नापासर बिजली विभाग के सहायक अभियंता कपिल गुप्ता ने बताया कि राज्य सरकार के निर्देशानुसार नापासर सहित विभिन्न स्थानों पर स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जा रहे हैं। नोखा और देशनोक में ये मीटर पहले ही लग चुके हैं, बीकानेर और लूणकरणसर में प्रक्रिया जारी है। नापासर में शुरुआत उन्हीं उपभोक्ताओं से की गई है जिनके पुराने मीटर खराब हो चुके हैं। विभाग की योजना है कि शीघ्र ही पूरे कस्बे में स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे।

सरकार जहां तकनीकी बदलाव को पारदर्शिता व सुधार का माध्यम बता रही है, वहीं आमजन इसे आर्थिक भार और असुविधा मान रहा है। यह देखना दिलचस्प होगा कि स्मार्ट मीटरों को लेकर बना यह विवाद समाधान की ओर जाएगा या और गहराएगा

Join Whatsapp 26