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पुलिस अब तक 35 गुर्गों को पकड़ चुकी है बीकानेर पुलिस

बीकानेर। गैंगस्टर रोहित गोदारा ने ही बीकानेर में महिला से अस्सी लाख रुपए की फिरौती मांगने के लिए अपने गुर्गों को भेजा था। इसके लिए महिला के चाचा ससुर को साथ में जोडक़र कुछ गुर्गों को घर भेजने और बाद में रुपयों की हिस्सेदारी करने की जिम्मेदारी सौंपी गई। बीकानेर पुलिस और साइबर टीम ने सजगता के साथ रोहित गोदारा की कोशिश पर पानी फेर दिया। इतना ही नहीं तीन जनों को गिरफ्तार करके एक को जेल भेज दिया और दो से अब तक पूछताछ हो रही है।
गैंगस्टर रोहित गोदारा ने पलाना के हिस्ट्रीशीटर रतन सिंह राजपूत को ये जिम्मेदारी सौंपी थी। रतन सिंह पर बीकानेर के कई थानों में सत्रह आपराधिक मामले दर्ज है। वो देशनोक थाने का हिस्ट्रीशीटर है। ऐसे में उसे ही टीम का लीडर बनाया गया। रतन सिंह ने ही अन्य बदमाशों से संपर्क किया और ट्रांसपोर्टर लक्ष्मीनारायण सारस्वत के परिवार को निशाने पर लिया। इसके लिए लक्ष्मीनारायण के चाचा मनोज सारस्वत से संपर्क किया गया। मनोज से घर की लोकेशन और पत्नी के बारे में रिपोर्ट ली गई। ये रिपोर्ट उसे गैंग में शामिल करते हुए ली गई थी या फिर झूठ बोलकर, इस बारे में पुलिस जांच चल रही है।
प्लान के मुताबिक महिला के घर बदमाश भेजे गए। जिन्होंने लक्ष्मीनारायण की पत्नी को धमकाया और बच्चों के किडनेप की चेतावनी दी। इसके लिए जेठू सिंह पुत्र भोजू सिंह निवासी रायसर, किशोर पुत्र लाल सिंह निवासी आबू रोड को जिम्मा सौंपा गया। इन दोनों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। दो से अभी पुलिस पूछताछ कर रही है। एक की शिनाख्त परेड भी कराई जा सकती है।
सात महीने में 35 गुर्गे गिरफ्तार
खुद को रोहित गोदारा गैंग का सदस्य बताना बदमाशों के लिए खतरनाक साबित हो रहा है। पुलिस रोहित गोदारा का नाम आने के साथ ही अति सक्रिय हो जाती है। ऐसे में संबंधित को तुरंत गिरफ्तार करती है। एसपी तेजस्वनी गौतम ने बताया कि अब तक रोहित के 35 गुर्गों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इसी तरह राजू ठेहट के छह गुर्गे भी गिरफ्तार हुए हैं। इसके अलावा रोहित गोदारा को फॉलो करने वालों को भी पकड़ा गया। इनको फॉलोवर ग्रुप से डिलीट करवाया गया।

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