
पीबीएम हॉस्पिटल में 1150 नर्सेज, 545 स्टूडेंट्स कल हड़ताल पर रहेंगे, तीन हजार मरीजों की नर्सिंग केयर के इंतजाम नहीं






बीकानेर। 11 सूत्रीय मांगों को लेकर 25 अगस्त को नर्सेज के सामूहिक अवकाश को लेकर पीबीएम हॉस्पिटल में मरीजों को संभालने के लिए कोई वैकल्पिक इंतजाम नहीं हो पाए हैं। पीबीएम में 1250 में से 1150 नर्सेज ने छुट्टी की अर्जी दे दी है। नर्सिंग स्टूडेंट्स ने भी अवकाश ले लिया है। राज्य सरकार ने यूटीबी के अवकाश पर रोक लगा दी है। इसके बावजूद करीब 450 यूटीबी छुट्टी पर रहेंगे। संभाग के सबसे बड़े पीबीएम हॉस्पिटल में नर्सेज हड़ताल के कारण व्यवस्थाएं चरमराई हुई हैं। दो घंटे के कार्य बहिष्कार के दौरान तीन घंटे तक मरीजों की केयर नहीं हो पा रही है। सामूहिक बहिष्कार को देखते हुए 25 अगस्त को हालात बिगड़ने तय हैं। करीब चार हजार बेड वाले हॉस्पिटल में तीन हजार से ज्यादा मरीज भर्ती हैं। उन्हें संभालने के लिए 1250 नर्सेज की नफरी है, जिनमें 450 यूटीबी हैं। इनमें 1150 ने अवकाश के लिए प्रार्थना पत्र जिला मुख्य नर्सिंग अधीक्षक को थमा दिए हैं। पीबीएम अधीक्षक ने कहा था कि हड़ताल में नर्सिंग स्टूडेंट्स की ड्यूटी लगाई जाएगी, लेकिन वे भी छुट्टी पर जा रहे हैं। जीएनएम 145 और बीएससी नर्सिंग के 400 स्टूडेंट्स ने भी अवकाश ले लिया है। इनके प्रिंसिपल और ट्यूटर भी छुट्टी पर जा रहे हैं। हॉस्पिटल में मरीजों की सार संभाल में मुख्य भूमिका नर्सेज की होती है, लेकिन तीन हजार मरीजों को संभालने के लिए एक भी नर्स नहीं होगा। हालात को देखते हुए अधीक्षक डॉ. पीके सैनी ने जिला मुख्य नर्सिंग अधीक्षक हरिराम पड़िहार के साथ मीटिंग की है, लेकिन कोई रास्ता नहीं निकल रहा। 11 सूत्रीय मांगों को लेकर राजस्थान नर्सेज संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले पीबीएम हॉस्पिटल के गोल पार्क में धरना 37वें दिन भी जारी रहा। कपिल कटारिया की अगवाई में राकेश विश्नोई, गोरधन डेलू, विनोद विश्नोई, लीलाधर ज्याणी, पप्पूराम साहू, रामनिवास मूंड, धीरज शर्मा, प्रेम कुमार, विकास खीचड़, राकेश, बजरंग, विजय, मनोज मीना आदि धरने पर बैठे। 25 अगस्त के सामूहिक अवकाश को देखते हुए नर्सेज ने बुधवार को जयपुर पहुंचने की रणनीति पर चर्चा की।


