
बीकानेर: बिजली को तरस रहे किसान, झुलस रहे खेतों में अरमान






बीकानेर. राज्य सरकार ने किसानों को रोजाना छह घंटे बिजली आपूर्ति का वादा तो कर रखा है, लेकिन मिलती दो से तीन घंटे भी मुश्किल से है। गत एक पखवाड़ा में तो किसान कम वोल्टेज की मार और झेल रहे हैं। खेतों में पानी खींचने के लिए लगी बिजली की मोटर कम वोल्टेज रहने से जल रही है। इससे किसान को हजारों रुपए का नुकसान और हो रहा है। दूसरी तरफ रेतीले धोरों वाले खेतों में लहलहा रही मूंगफली की फसल से छाई हरियाली अब सिमटने लगी है। सिंचाई पानी नहीं मिलने से मूंगफली की फसल झुलस रही है। इसे लेकर जिले के नोखा, लूणकरनसर, कोलायत और श्रीडूंगरगढ़ क्षेत्र के किसान धरने-प्रदर्शन भी कर चुके हैं। ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी का गृह जिला होने के बावजूद किसानों पर बिजली की आपूर्ति नहीं मिलने और कम वोल्टेज की दोहरी मार पड़ रही है। जिले में इस साल खरीफ में मूंगफली, ग्वार, मूंग, मोठ, बाजरा, कपास, तिल आदि की 14.36 लाख हेक्टेयर में किसानों ने बुवाई की है। इसमें ढाई लाख हेक्टेयर में मूंगफली की फसल खड़ी है। सिंचाई पानी की कमी की मार सबसे ज्यादा मूंगफली पर ही पड़ी है। मोठ का बुवाई क्षेत्र 3 लाख 30 हजार हेक्टेयर है। जबकि 67 हजार हेक्टेयर में कपास और 41 हजार हेक्टेयर में मूंग की बुवाई है। सबसे ज्यादा 6 लाख 60 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में ग्वार की फसल है। बाजरा भी करीब 1 लाख 10 हजार हेक्टेयर में हैं।


