
बीकानेर के इस गांव में 40 फैक्ट्रियों को बंद करने के नोटिस जारी, जाने क्या है पूरा मामला





बीकानेर के इस गांव में 40 फैक्ट्रियों को बंद करने के नोटिस जारी, जाने क्या है पूरा मामला
बीकानेर। प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने खारा गांव में अत्यधिक वायु प्रदूषण करने वाली पीओपी की 40 फैक्ट्रियों को बंद करने के लिए नोटिस जारी कर दिए हैं। उधर, शनिवार रात अचानक पड़े कोहरे के कारण ग्रामीणों को सांस लेने में काफी तकलीफ हुई। पूरी रात जाग कर निकालनी पड़ी। खारा औद्योगिक क्षेत्र की पीओपी फैक्ट्रियों के धुएं से होने वाले वायु प्रदूषण को देखते हुए प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने 40 फैक्ट्रियों को बंद करने के लिए नोटिस जारी किए हैं। उन्हें 15 दिन का समय दिया गया है। हालांकि, नोटिस को दस दिन बीत चुके हैं। फैक्ट्री मालिक भी आशंकित हैं। प्रदूषण कम करने के लिए उन्होंने पानी का छिड़काव करना शुरू कर दिया है, लेकिन सड़कों पर बिखरी पीओपी गाड़ियों की आवाजाही के कारण इस कदर उड़ती है कि विजिबिलिटी जीरो हो जाती है। सांस तक नहीं लिया जा सकता। दम घुटने लगता है। ऐसे हालात में इन फैक्ट्रियों के काम करने वाले मजदूरों के स्वास्थ्य पर भी संकट है।
रीको ने खारा औद्योगिक क्षेत्र में मिनरल जोन बना रखे हैं। एक जोन खारा गांव निकट ही काट दिया। उस जोन में पीओपी की 40 फैक्ट्रियों का धुआं अब दमघोंटू साबित हो रहा है। शनिवार रात अचानक कोहरा पड़ने से धुएं के कारण गांव की करीब 12 हजार की आबादी को सांस लेना दूभर हो गया। गजेसिंह ने बताया कि सबसे ज्यादा परेशानी श्वास रोगियों को हुई। पूरी रात जागकर गुजारनी पड़ी। सर्दियों में शाम को ही कोहरा पड़ने लगता है और दूसरे दिन सुबह देर तक रहता है। ऐसे हालात में फैक्ट्रियों का धुआं भी उसमें घुल जाता है। गर्द पूरे गांव पर छा जाती है। विशेषज्ञों का कहना है कि ग्रामीणों की परेशानी अब बढ़ने वाली है। क्योंकि सर्दी के मौसम में प्रदूषण अधिक रहता है। कोहरे के कारण रविवार को पूरे शहर का एक्यूआई 300 से अधिक रहा। दोपहर में धूप आने पर गिरकर 200 तक पहुंचा है। खारा औद्योगिक क्षेत्र में उद्योगों से निकलने वाला वेस्ट बाहर सड़कों पर खुले में बिखरा पड़ा है। इससे रास्ते तक रुक गए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि सार्वजनिक पार्क में भी सरसों की पल्लर डाल दी गई है, जिससे उसका डेवलपमेंट ही नहीं हुआ। सफाई का काम रीको का है, लेकिन रीको के अधिकारियों ने इस दिशा में आज तक कोई ठोक कदम नहीं उठाए।

