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तनसिंह जन्म शताब्दी वर्ष पर जनवरी में दिल्ली में जुटेगा क्षत्रिय संघ

बीकानेर। श्री क्षत्रिय युवक संघ के संस्थापक तनसिंह के जन्म शताब्दी वर्ष के तहत श्री करणी राजपूत विश्राम गृह बीदासर हाउस में रविवार को संघ के तृतीय संघ प्रमुख नारायण सिंह रेड़ा की 83वीं जयंती पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। सरंक्षक भगवान सिंह रोलसाहबसर के सानिध्य में आयोजित कार्यक्रम में संघ प्रमुख लक्ष्मण सिंह बेण्याकाबास ने तनसिंह की 100वीं जयंती का मुख्य कार्यक्रम 28 जनवरी 2024 को पंडित जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम दिल्ली में मनाने की घोषणा की। इसी कड़ी में बीकानेर संभाग में पांच बड़े कार्यक्रम करने तय किए गए हैं। इसी कड़ी में बीकानेर संभाग में पांच बड़े कार्यक्रम करने तय किये जिसका प्रथम कार्यक्रम आज श्री करणी राजपूत विश्राम गृह बीदासर हाउस बीकानेर में संघ के तृतीय संघ प्रमुख नारायण सिंह जी रेड़ा की 83वीं जयंति के रूप में मनाया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ गणेश वंदना जोरावर सिंह भादला के द्वारा की गई सरंक्षक भगवान सिंह, ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह हदा, Bsf DIG पुष्पेंद्र सिंह रोड़ा, क्षत्रिय सभा अध्यक्ष कर्णपाल सिंह, पूर्व अध्यक्ष बजरंग सिंह रॉयल ने परम श्रद्धेय नारायण सिंह रेड़ा के चित्र के सामने दीप प्रज्जवलित कर माल्यार्पण किया। प्रार्थना क्षत्रिय कुल में…..रीतू कँवर आलसर, गोरीशा कँवर भवाद ने करवाई उसके पश्चात् संघ के वरिष्ठ स्वयंसेवक महिला विभाग के प्रभारी जोरावर सिंह भादला ने श्री क्षत्रिय युवक संघ और पूज्य नारायण सिंह रेड़ा का परिचय देते हुवे बताया कि..जो नर से नारायण हो गए जो परमात्मा प्राप्ति के उदाहरण बन गए उनको समझने का हम प्रयत्न करेंगे। उनका वास्तविक परिचय प्राप्त करने के लिए नारायण सिंह बनना पड़ेगा। दुर्लभ महात्मा कभी कबार ही इस भू मण्डल पर आते है। जब तनसिंह जी के देहावसान के पश्चात् उनको संघ प्रमुख बनाया गया। इतने धयेय निष्ट जिनकी पूरी भाव निष्ठा तनसिंह जी में ही निहित थी उनके अलावा उनको कुछ नहीं सूझता। जब उनके जीवन में ऐसी यौगिक घटनाये घटी कि बिना आहार कई दिनों तक रह जाते। पेड़ों से लता की तरह लटक जाते, पहाड़ पर तेज गति से चढ़ जाते और लुढ़क कर नीचे आ जाते। उनकी यौगिक क्रियाये किसी महान योगी से कम नहीं थी। जीवन कैसे जिया जाये वेदो के अनुसार जीवन पद्द्ति को संघ सिखाता है। संघ को समझना बहुत मुश्किल है उसकी जीवन शैली के बारे में जानने के लिए संघ के शिविर, शाखा, साहित्य को पढ़े समझेंऔर मनन करें।

वीडियो चल चित्र के द्वारा पूज्य तनसिंह जी का जीवन परिचय, पूज्य नारायण सिंह रेड़ा का परिचय, आनुसांगिक संगठनो श्री प्रताप फाउंडेशन, श्री क्षात्र पुरुषार्थ फाउंडेशन, दुर्गा महिला संस्थान, श्री प्रताप युवा शक्ति का परिचय, हीरक जयंति 22 दिसम्बर 2021 भवानी निकेतन जयपुर में हुए भव्य कार्यक्रम का परिचय भी चलचित्र के द्वारा दिया गया। पूज्य तनसिंह जी द्वारा लिखा सहगीत करणी सिंह भेलू ने करवाया।

सरंक्षक भगवान सिंह ने अपने उद्बोधन में कहा कि पूज्य तनसिंह जी की छत्र छाया में नारायण सिंह जी ने जो कुछ पाया उसकी भूमिका बीकानेर में ही बनी । तन सिंह जी को जब शिविर में देखा तो लगा जिसकी खोज थी वो पूरी हो गई। तन सिंह जी के देहावसान के बाद जब नारायण सिंह संघ प्रमुख बने उसके पश्चात् उनका सानिध्य लाभ प्राप्त किया उनकी यौगिक क्रिया को प्रत्यक्ष देखी। पूज्य रेड़ा कहते थे कि संघ का कार्य ईश्वरीय कार्य है और इसका उनको कई बार प्रत्यक्ष आभास भी हुआ। जब लोगों ने योग के बारे में पूछा कि ये आपने कहा सीखा तब उन्होंने कहा कि श्री क्षत्रिय युवक संघ के कार्य को पूर्ण निष्ठा के साथ करने मात्र से ही सब कुछ प्राप्त किया जा सकता है।

संघ का कार्य करते करते ये अनुभव हुवा कि निंदा या प्रशंशा से बिना प्रभावित हुवे लगातार कार्य करते रहे। समाज में परिवर्तन लाने के लिए संघ आवश्यक है ऐसा अनेकों लोग कहते है। संघ से सामाजिक लाभ जरूर होता है। पूरे भारत वर्ष में जाकर लोगों के विचार समझें और संघ का विस्तार कैसे हो उसके लिए प्रयत्न किये। 28 जनवरी 2024 को दिल्ली में पूज्य तनसिंह जी का शताब्दी समारोह होगा, आप सभी इस कार्यक्रम में पधारें और इस कार्यक्रम को भव्य बनावे। मंत्र के साथ कार्यक्रम का विसर्जन हुवा ततपश्चात आपसी परिचय और स्नेह भोज हुआ। आज के कार्यक्रम में मातृ शक्ति की उपस्थिति बहुत बढ़िया रही। कार्यक्रम का संचालन संभाग प्रमुख रेवंत सिंह जाखासर ने किया।

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