बीकानेर: सैनिक के कूल्हे से पिंडली तक तीन गहरे घाव, अधिक खून बहने से मौत

बीकानेर: सैनिक के कूल्हे से पिंडली तक तीन गहरे घाव, अधिक खून बहने से मौत

बीकानेर: सैनिक के कूल्हे से पिंडली तक तीन गहरे घाव, अधिक खून बहने से मौत

जम्मूतवी-साबरमती एक्सप्रेस के स्लीपर कोच में जाकर सेना के जवान को चाकू मारकर हत्या करने वाला शख्स आदतन सटोरिया निकाला। इससे बड़ा सवाल खड़ा हो गया है कि ट्रेनों के एसी कोच में क्रिमिनल को यात्रियों का अटेंडेंट कैसे बना दिया जाता है। गुजरात के बनास जिले में गिड़ासन मोती गांव निवासी सेना के जवान जिगर चौधरी की रविवार की रात को जम्मूतवी-साबरमती एक्सप्रेस में चलती ट्रेन में चाकू मारकर हत्या कर दी गई थी। बीकानेर में रात को 10.30 बजे बाद लूणकरणसर से ट्रेन रवाना होने पर एसी कोच बी-4 का अटेंडेंट जुबेर मेमन स्लीपर कोच एस-2 में गया और वहां सेना के जवान को चाकू मारे जिससे उसकी मौत हो गई थी। दोनों की पहले बोलचाल हुई थी। सेना के जवान की हत्या करने वाला अटेंडेंट जुबेर आदतन सटोरिया है।

वह बीकानेर में फड़बाजार का रहने वाला है और उसके खिलाफ पर्ची सट्टा करने के कोटगेट, सदर और नयाशहर पुलिस थाने में 9 मुकदमे दर्ज हैं। आपराधिक रिकॉर्ड होने के बावजूद उसे ट्रेन के एसी कोच में यात्रियों को अटेंड करने की जिम्मेदारी सौंप दी गई। इससे ट्रेनों में यात्रियों की सुरक्षा और एसी कोच में अटेंडेंट व अन्य काम ठेके पर देने की व्यवस्था पर सवालिया निशान लग गया है। रेल प्रशासन के पास अटेंडेंट रखे गए लोगों की जानकारी और उनका रिकॉर्ड क्यों नहीं होता। क्रिमिनल को एसी कोच में यात्रियों का अटेंडेंट कैसे बनाया जा सकता है। जुबेर क्रिमिनल प्रवृत्ति का होना के कारण ही अपने पास चाकू रखता था जिससे उसने सेना के जवान की हत्या की। यात्रियों की सुरक्षा का जिम्मा आरपीएफ और जीआरपी का है। चलती ट्रेन में सेना के जवान की हत्या से उनकी कार्यप्रणाली पर भी प्रश्नचिह्न लगा है। गौरतलब है कि सेना के जवान जिगर की जम्मू में पोस्टिंग थी। वह छुट्टी मिलने पर फिरोजपुर केंट से अपने घर गुजरात जा रहा था।

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