Gold Silver

बीकानेर: इस गांव में 14 बीघा जमीन के फर्जी खातेदारी आदेश जारी कर इतने लाख में बेचे

बीकानेर: इस गांव में 14 बीघा जमीन के फर्जी खातेदारी आदेश जारी कर इतने लाख में बेचे

बीकानेर। अधिकारियों-कर्मचारियों की मिलीभगत और सरकारी रिकॉर्ड में काटछांट से करमीसर में 14 बीघा जमीन के फर्जी खातेदारी आदेश जारी हुए और उसे 9.5 लाख रुपए में बेच दिया गया। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने प्राथमिक जांच में मामला पद के दुरुपयोग का माना और अब मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। श्रीरामसर निवासी भंवरलाल माली और उसके परिजनों के नाम बीकानेर तहसील के करमीसर गांव में खसरा नंबर 175 तादादी 14 बीघा जमीन थी। जमीन का बंटवारा नहीं हुआ था और खातेदारी का मामला तहसीलदार न्यायालय में पेंडिंग था। भंवरलाल और बीकानेर के तत्कालीन नायब तहसीलदार रामेश्वरसिंह, भू अभिलेख निरीक्षक प्रभुदयाल, करमीसर हलका पटवारी गौरीशंकर, बीकानेर तहसीलदार कार्यालय के पटवारी देवेन्द्र शर्मा ने आपसी मिलीभगत की।

सरकारी रिकॉर्ड में काटछांट कर भंवरलाल के नाम फर्जी खातेदारी आदेश तैयार किए और पूर्व की तारीख 22 जून, 05 में डिस्पैच कर दिए। इसके बाद श्रीरामसर निवासी खेताराम से खातेदारी डिस्पैच आदेश के एक दिन बाद ही प्रार्थना पत्र लेकर 30 जून, 05 को खातेदारी आदेश निरस्त कर दिए गए। इस दौरान भंवरलाल ने फर्जी खातेदारी आदेश के जरिये सात-सात बीघा जमीन 4.75 लाख और 4.75 लाख रुपयों में बेच भी दी। एसीबी ने इसकी शिकायत मिलने पर वर्ष, 15 में पीई दर्ज की थी। वर्तमान एएसपी महावीरप्रसाद शर्मा ने मामले की जांच पूरी की और पाया कि अधिकारी-कर्मचारियों ने फर्जी खातेदारी आदेश जारी किए जिससे जमीन आगे बेच दी गई। एसीबी मुख्यालय ने इस पर मुकदमा दर्ज कर लिया है। अब स्पेशल यूनिट के एएसपी आशीष कुमार मुकदमे की विस्तृत जांच करेंगे।

जमीन खरीदारों को ऐसे पता चला
फर्जी खातेदारी आदेश जारी करवा जमीन बेच दी गई। खरीदारों को इसकी भनक नहीं थी। लेकिन, खरीदारों ने नामांतरण दर्ज करवाने के लिए राजस्व तहसील बीकानेर में दस्तावेज पेश किए। तब तहसील कार्यालय से बताया गया कि खातेदारी आदेश 30 जून, 05 को निरस्त किया जा चुका है। इसलिए नामांतरण दर्ज किया जाना संभव नहीं है।

Join Whatsapp 26