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साधु-संतों के सानिध्य में पदम स्मारक, पुस्तकालय एवं संग्रहालय का लोकार्पण

नोखा। ब्रह्मलीन गोसेवी संत पदमाराम कुलरिया की स्मृति में पदम पैलेस मूलवास में नवनिर्मित पदम स्मारक का लोकार्पण समारोह सोमवार को हुआ। इसमें योग गुरु बाबा रामदेव, गोविंद देव गिरी महाराज, स्वामी चिदानंद सरस्वती, आचार्य बालकृष्ण, संत मुरलीधर महाराज, बजरंगदास महाराज, सुखदेव महाराज सहित साधु-संतों ने संत कुलरिया की पत्नी हरप्यारी देवी के सानिध्य में पदम स्मारक का लोकार्पण किया। साथ ही गोसेवी संत पदमाराम कुलरिया की 11 फीट ऊंची प्रतिमा का अनवारण भी किया गया। स्मारक परिसर में बने पुस्तकालय एवं संग्रहालय का दीप प्रज्ज्वलन कर लोकार्पित किया गया। संत की स्मृति में बालिका विद्यालय भवन का शिलान्यास भी किया गया।

राज्यपाल कलराज मिश्र ने समारोह को वर्चुअल संबोधित करते हुए कहा कि संत पदमाराम कुलरिया परिवार ने प्रदेश को पदम स्मारक के रुप में अनुपम सौगात प्रदान की है। उनके पुत्र कानाराम-शंकर-धर्म कुलरिया का आभार जताते हुए कहा कि डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए पदम स्मारक में बने हाईटेक पुस्तकालय अहम कड़ी बनेगा। उन्होंने पुस्तकालय में शिक्षा से जुड़ी सभी पुस्तकों को डिजिटल उपलब्ध कराने की बात कही। ई-बुक्स से उच्च शिक्षा में अध्ययनरत प्रतिभागियों को प्रतिभा दिखाने का मौका मिलेगा। राज्यपाल ने संत कुलरिया ने जीवन प्रसंगों पर आधारित पुस्तक का विमोचन भी किया। इस दौरान शंकर-धर्म कुलरिया ने स्मारक के बारे में राष्ट्रपति को जानकारी दी। कानाराम कुलरिया ने आभार जताया।

समारोह में गोविंदगिरी महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन गोसेवी संत कुलरिया निरंतर परहित में लगे रहे। उनका सहज, सौम्य व संयमपूर्ण जीवन आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणादायी रहेगा। ऋषिकेश परमार्थ निकेतन आश्रम के अधिष्ठाता स्वामी चिदानंद सरस्वती ने कहा कि संत कुलरिया गोभक्ति व पर्यावरण संरक्षण के लिए किए अनेक कार्य कभी विस्मृत नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि शहरों में कमाओ और गांव में लगाओ। इसी तर्ज पर उनके पुत्र अपने गांव में सर्वहिताय कार्यों में धन लगा रहे हैं।

पदम पैलेस में योगाभ्यास
योग गुरु बाबा रामदेव ने पदम पैलेस परिसर में सोमवार सुबह 5 से 9 बजे तक योगाभ्यास कराया। इसमें नोखा, बीकानेर, नागौर, जोधपुर सहित अन्य स्थानों से लोग पहुंचे और बाबा रामदेव के सानिध्य में योगाभ्यास किया। बाबा रामदेव ने कहा कि नियमित योगाभ्यास करने से कई तरह की बीमारियों से बचा जा सकता है। योग गुरु बाबा रामदेव ने कहा कि संत पदमाराम कुलरिया गोसेवा, पर्यावरण संरक्षण और धर्म-पुण्य के कार्यों में सदैव अग्रणी रहते थे। उन्होंने करोड़ों रुपए गोसेवा में समर्पित किए। संतश्री जितने सरल व आत्मीय थे, उतने ही कर्मयोगी व गोसेवा के प्रति समर्पित व्यक्तित्व थे। उनके पुत्र कानाराम-शंकर-धर्म कुलरिया ने पदम स्मारक के रुप में उनकी स्मृति को चिरस्थाई बना दिया है। पतजंलि पीठ के आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि संत पदमाराम कुलरिया ने जीवन पर्यन्त गोसेवा एवं समाज हित में अनगिनत ऐसे काम किए, उनको भूलाया नहीं जा सकता है। संत मुरलीधर महाराज, बजरंगदास महाराज, सुखदेव महाराज सहित अन्य संतों ने कहा कि संत कुलरिया ने गोसेवा, पर्यावरण संरक्षण एवं समाज सेवा में अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया। उनका सेवा कार्य सभी के लिए प्रेरणा स्त्रोत रहेंगे।

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