बीकानेर: करोड़ों खर्च होने के बावजूद आम लोग उपचार से दूर

बीकानेर: करोड़ों खर्च होने के बावजूद आम लोग उपचार से दूर

बीकानेर: करोड़ों खर्च होने के बावजूद आम लोग उपचार से दूर

बीकानेर। नौ करोड़ की लागत से गंगाशहर एवं मुक्ता प्रसाद में बने शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंन्द्रों से आम लोगों को लोकार्पण के चार महीने बाद भी वांछित चिकित्सा सुविधाएं नहीं मिल पाई हैं। नेशनल हेल्थ मिशन के तहत प्रत्येक स्वास्थ्य केंद्र के भवन निर्माण के लिए 4 करोड़ 50 लाख रुपए, फर्नीचर के लिए 50 लाख रुपए तथा उपकरणों की खरीद के लिए एक करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत की गई। यहां दोनों स्थानों पर भवन तो बन गए लेकिन स्थाई स्टाफ ,फर्नीचर व उपकरणों के अभाव में लोगों को समुचित चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध नहीं हो पाई। गंगाशहर में रेल दादा बाड़ी के पास स्थित स्वास्थ्य केंद्र तो लोक लोकार्पण के दिन से ही बंद पड़ा है जबकि मुक्ता प्रसाद के वॉर्ड 17 में बने केंद्र को चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से वैकल्पिक तौर पर कुछ समय के लिए शुरू भी किया गया था लेकिन स्टाफ एवं संसाधनों के अभाव में बंद करना पड़ा। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि स्थाई स्टाफ के लिए सरकार से लगातार पत्र व्यवहार किया जा रहा है। उम्मीद है शीघ्र ही स्टाफ की नियुक्ति हो जाएगी और फर्नीचर के लिए जरूरी औपचारिकताएं शुरू कर दी है। उपकरण जयपुर से ही उपलब्ध करवाए जाएंगे। आचार संहिता लगने के कारण स्टाफ एवं सुविधाओं की मांग की बात आगे नहीं बढ़ पाई। स्वास्थ्य केंद्र शुरू हो जाने से यहां पर 24 घंटे आउटडोर- इंडोर सेवाएं, जननी सुरक्षा योजना, डिलीवरी, ऑक्सीजन आदि की व्यवस्थाएं उपलब्ध रहेंगी।उन्होंने बताया कि दोनों स्वास्थ्य केन्द्रों पर आधुनिक चिकित्सा सेवाओं के मानकों के आधार पर लेबर रूम, ऑपरेशन थिएटर, मेल – फीमेल वार्ड, पोस्ट ऑपरेटिव, चिकित्सक कक्ष, रिसेप्शन, मरीजों के लिए रैंप तथा भविष्य में लिफ्ट सुविधा शुरू करने का प्रावधान भी रखा गया है।

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