बीकानेर: संचालन का फंसा पेंच, तो बंद हो गए सार्वजनिक शौचालय

बीकानेर: संचालन का फंसा पेंच, तो बंद हो गए सार्वजनिक शौचालय

बीकानेर: संचालन का फंसा पेंच, तो बंद हो गए सार्वजनिक शौचालय

बीकानेर। छतरगढ़ कस्बे सहित आसपास पंचायत मुख्यालयों पर सामुदायिक शौचालय की स्थिति यह है कि इनका निर्माण पूरा होने के बाद कहीं छह माह से, तो कहीं सालभर से ज्यादा का समय हो चुका है, लेकिन संबंधित विभागीय की लापरवाही के चलते इनका उपयोग तक नहीं शुरू नहीं हो पाया है। अधिकांश शौचालयों पर ताला लटक रहा है। बता दें कि वर्ष 2020-21 से स्वच्छ भारत मिशन के तहत ओडीएफ हो चुके गांवों में सार्वजनिक स्थानों पर लोगों को सुलभ प्रसाधन की व्यवस्था उपलब्ध कराने के उद्देश्य से सामुदायिक शौचालयों का निर्माण कराना शुरू किया था। छतरगढ़ तहसील की 21 पंचायतों में निर्माण कराया गया था, लेकिन विडंबना है कि जिन पंचायतों में इसका निर्माण पूर्ण हो चुका है। वहां इसका कोई उपयोग नहीं हो रहा है। अधिकांश जगह पर लाखों रुपए खर्च कर बनाए गए सार्वजनिक शौचालय पर ताले लटके रहे है। सामुदायिक शौचालय निर्माण के लिए पंचायत की आबादी के अनुसार राशि जारी हो रही है। इसमें तीन से पांच लाख रुपए तक की राशि एक सामुदायिक शौचालय के लिए दी जा रही है। अधिकांश जगह पर पंचायत ही निर्माण एजेंसी है। ऐसे में पंचायत निर्माण तो करा रही है, लेकिन उपयोग करने कोई ध्यान नहीं दे रही है। ऐसी स्थिति में सरकार को लाखों रुपए का राजस्व नुकसान हो रहा है।

 

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