बीकानेर: गैंगरेप से आहत होकर आत्महत्या करने वाली युवती के सुसाइड नोट की जांच करेगी पुलिस, गद्दे के नीचे बरामद हुआ था सुसाइड नोट

बीकानेर: गैंगरेप से आहत होकर आत्महत्या करने वाली युवती के सुसाइड नोट की जांच करेगी पुलिस, गद्दे के नीचे बरामद हुआ था सुसाइड नोट

बीकानेर: गैंगरेप से आहत होकर आत्महत्या करने वाली युवती के सुसाइड नोट की जांच करेगी पुलिस, गद्दे के नीचे बरामद हुआ था सुसाइड नोट

बीकानेर। गैंगरेप और अश्लील वीडियो बनाकर ब्लैकमेल करने से आहत युवती के आत्महत्या करने के मामले में पुलिस को सुसाइड नोट मिला है। सुसाइड नोट की एफएसएल से जांच कराई जाएगी। युवती के मोबाइल की कॉल डिटेल निकलवाई जाएगी जिससे राज खुलेंगे। युवती से गैंगरेप और वीडियो बनाकर ब्लैकमेल करने का मामला सामने आया था जिसमें 31 अक्टूबर को आहत युवती ने आत्महत्या कर ली थी। पुलिस को इस मामले में युवती के परिजनों ने उसका सुसाइड नोट सौंपा है जो गद्दे के नीचे बरामद हुआ। सुसाइड नोट के तीन पन्ने मिले हैं जिनमें एक पन्ने के नीचे का हिस्सा फटा हुआ है। कमरे के दरवाजे के पीछे उसके अलग से टुकड़े मिले हैं जिनको परिजनों ने जोड़ा तो आरोपी करण झांब, मोहित और एक युवती का नाम लिखे हुए थे। पुलिस इस सुसाइड नोट की जांच कराएगी जिससे उसकी लिखावट का मिलान, कागज के टुकड़ों की हकीकत के बारे में खुलासा होगा। युवती की कॉल डिटेल भी निकलवाई जाएगी जिससे कि पता चलेगा कि उसने कब, किससे बात की। मामले की जांच कर रहे सीएडब्ल्यू सीओ विक्की नागपाल ने बताया कि मामले की छानबीन और पूछताछ के लिए आरोपियों की तलाश की जा रही है।

वो मेरी बेटी नहीं, बेटा था : पिता
वो मेरी बेटी नहीं, बेटा था। मैं उसे बेटा ही पुकारता था। कभी बेटी नहीं मानता था। हिम्मती थी, लेकिन घरवालों की परेशानी के बारे में सोचकर नहीं बताया और खुद की जान दे दी। यह कहना है कि आहत होकर जान देने वाली युवती के पिता का। उन्होंने बताया कि वह हार्ड वर्कर थी। 14 घंटे ड्यूटी करती थी। सुबह 6-6:15 बजे जिम जाती थी। वहां से ऑफिस और शाम को वहां से फिर से जिम जाती थी। निष्पक्ष जांच हो और दोषियों को कड़ी सजा मिले। सुसाइड नोट के टुकड़े मिलने पर पिता का कहना था कि उसने पहले आरोपियों के नाम सुसाइड नोट में लिखे और फिर घरवाले परेशान होंगे। शायद यह सोचकर कागज फाड़ दिया और उसे दरवाजे के पीछे छिपा दिया होगा। मुझे माफ कर देना मम्मी-पापा। मैं कुछ बातें आपको बता नहीं पाई। आज आपका बेटा हार गया। इतने दिनों से अंदर ही अंदर मर रही थी। परिजनों की ओर से पुलिस को सौंपे गए सुसाइड नोट की शुरुआत पीड़िता ने इन शब्दों से की और अपना दर्द बयां किया। उसके बाद तीन पेज लिखे जिसमें अपनी दोनों बहनों और सबसे छोटे भाई को भी संबोधित किया। कहा, तीनों से बहुत प्यार करती है और माफी भी मांगी। साथ ही एक बहन से कहा कि तू तो सब कुछ जानती है। भाई से कहा कि सबको संभाल लेना। ‘मुझे माफ कर देना मम्मी-पापा, मैं कुछ बातें आपको बता नहीं पाई’

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