
रामलीला का मंचन हुआ शुरू





नगरसेठ लक्ष्मीनाथजी मंदिर में रामलीला का मंचन आरंभ
श्रवणकुमार को शब्दबेधी बाण मारा, नेत्रहीन माता-पिता ने दिया श्राप
बीकानेर (शिव कुमार भादाणी)। जैसे ही बहते जल में पानी लेने के लिए पात्र डुबाया तभी सनसनाता तीर आकर छाती में धंसा गया….. और अपने नेत्रहीन माता पिता को तीर्थयात्रा करवाने के लिए बहंगी में डालकर निकला श्रवणकुमार वहीं गिर पड़ा। जब यह दृश्य नगरसेठ लक्ष्मीनाथजी मंदिर परिसर में चल रही रामलीला में मंचित हुआ तो उपस्थित दर्शकों के नेत्रों से भी अश्रुधारा बह निकली।श्रवण कुमार की छाती में धंसे तीर से हो रही असीम पीड़ा को भाँपकर नेत्रहीन माता पिता भी विलाप करने लगे और तभी वह शब्दबेधी बाण चलाने वाले महाराजा वहां आए जो और कोई नहीं बल्कि अयोध्या नरेश दशरथ थे। उन्होंने श्रवण कुमार से जब पूछा कि यह बाण उसे कैसे लगा तब श्रवण कुमार ने पूरा वाकया बताया कि वह अपने नेत्रहीन माता पिता को बहंगी में बिठाकर तीर्थयात्रा कराने निकला है। जब वह उनके पीने के लिए जल लेने आया और बहती नदी में से जल के लिए पात्र डुबाया तभी यह बाण उसकी छाती में आ धंसा। अब उसकी मृत्यु के बाद उसके नेत्रहीन माता पिता का क्या होगा? राजा दशरथ ने बताया कि उन्हें लगा कि कोई जानवर नदी में से जल पी रहा हौ और उन्होंने यह शब्दबेधी बाण चलाया जो गलती से श्रवण कुमार को आ लगा। लेकिन श्रवण कुमार के नेत्रहीन माता पिता ने राजा दशरथ को श्राप दे दिया कि जैसे उनके पुत्र ने बाण लगने से दम तोड़ा, उसी भांति वे भी पुत्र वियोग की पीड़ा सहन करते हुए दम तेाड़ेंगे। श्रीराम कला मंदिर संस्था के तत्वावधान में प्रतिवर्ष की भाँति भव्य रामलीला का आयोजन शारदीय नवरात्र में आयोजित हो रहा है।प्रथम नवरात्र पर रामलीला का शुभारंभ भगवान गणपति की आराधना के बाद हुआ। श्रीराम कला मंदिर संस्था के अध्यक्ष भाई गिरिराज जोशी ने बताया कि रामलीला के दूसरे दिन राम जन्मोत्सव मनाया जायेगा वहीं लक्ष्मीनाथ पार्क में डांडिया महोत्सव का आयोजन भी किया जाएगा साथ ही कार्यक्रम के दौरान मतदाताओं को जागरूक करने के लिए मतदान की भी अपील की जाएगी


