बीकानेर: नगर निगम ने 76 लाख खर्च किए, बिल दो करोड़ का भेजा

बीकानेर: नगर निगम ने 76 लाख खर्च किए, बिल दो करोड़ का भेजा

बीकानेर। महंगाई राहत कैंप के नाम पर कैसे पैसा लुटाया जा रहा है इसकी बानगी नगर निगम ने पेश की है। सरकार ने प्रत्येक कैंप के लिए चार लाख रुपए दिए। कैनोपी-टेंट जयपुर से भेजने थे। लेट होने पर निगम ने ही 50 हजार प्रति कैंप के हिसाब से टेंडर कर दिए। प्रति कैंप चार लाख रुपए के हिसाब से 19 कैंपों के लिए 76 लाख रुपए का टेंडर होना चाहिए था लेकिन निगम ने दो करोड़ से अधिक का बिल कलक्ट्रेट भेज दिया। दरअसल सरकार ने महंगाई राहत कैंप के लिए प्रति कैंप चार लाख रुपए खर्च करने का अधिकार कलेक्टर को दिया था। इसमें कहा गया कि 3.50 लाख रुपए के निगम टेंडर कर दे और कैनोपी सरकार जयपुर से उपलब्ध कराएगी। शुरूआती दिन में कैनोपी जयपुर से नहीं आई तो प्रति कैंप 50 हजार रुपए के कैनोपी-टेंट के टेंडर निगम स्तर से ही करने को कहा गया गया। निगम ने 19 कैंप के लिए 66.50 लाख रुपए का टेंडर किया था। 19 कैंप के हिसाब से 50 हजार रुपए का टेंडर और भी जोड़ लें तो 9.50 लाख आैर जोड़े जा सकते हैं लेकिन बताया जा रहा कि टेंट का बिल ही करीब 40 लाख का सामने आया। कैनोपी-एमआरसी कैंप के टोटल करीब 76 लाख रुपए का टेंडर होना था। हैरानी तब हुई जब बिल दो करोड़ से ऊपर का बनकर तैयार हुआ। कलेक्टर ने 13 अप्रैल को एक आदेश जारी किया था जिसमें 24 अप्रैल से 30 जून के बीच लगने वाले कैंपों के टेंडर करने के लिए कहा था। उसके बिलों के लिए स्पष्ट उल्लेख था कि आयुक्त, उपायुक्त आैर लेखाधिकारी से एप्रूव कराकर ही भेजें लेकिन कलेक्ट्रेट जो बिल गया वो पूरी कमेटी से एप्रूव भी नहीं है। सूत्र बताते हैं कि कलेक्ट्रेट ने बिल ज्यादा होने का इंडीकेशन निगम को दे दिया है।

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