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बीकानेर/ मोबाइल कैमरा ऑन कर फिल्मी स्टाइल में मारी रेड, बना चर्चा का विषय, बड़ा सवाल आखिर जनप्रतिनिधि मौन क्यों..?

श्रीडूंगरगढ़। धड़ाधड़ खुलते गेट, मोबाइल कैमरा ऑन कर एक साथ घर में घुसती टीम, बिना किसी सर्च आदेश के घर का कोना-कोना देखना, बिस्तर-आलमारी उलट-पलट कर देना, यह सब दृश्य फिल्मों में तो सभी ने देखा है लेकिन श्रीडूंगरगढ़ की नगरपालिका में व्यापक धांधली को मैनेज करने के चक्कर में यहां भी यही सब देखने को मिल रहा है। मंगलवार को कस्बे के आडसर बास में किराए के मकान में रह रहे पालिका के कार्मिक बाजिया के घर पर नगरपालिका ईओ भवानी शंकर व्यास ने कार्यालय की फाइलें घर पर ले आने का आरोप लगाते हुए एकदम फिल्मी स्टाइल में ऐसी ही रेड की। रेड डालने वाली टीम में ईओ के साथ पार्षद प्रतिनिधि गोपाल छापोला, पालिकाध्यक्ष मानमल शर्मा के अघोषित पीए नंदू नाई, पालिका में अतिरिक्त प्रशासनिक अधिकारी कमलकांत छाबा, ड्राइवर कमल नाई आदि रहे। मजे की बात यह है कि घर को पूरा उथल-पुथल करने के बाद भी उनके हाथ कुछ नहीं लगा तो सबने मिल कर कार्मिक को सस्पेंड करने की धमकी भी दी। घर पर रेड करने के बाद कार्मिक बाजिया को ईओ अपने साथ उसके घर से नगरपालिका ले गए जहां पालिकाध्यक्ष कार्यालय में उन्हें फिर से धमकाया गया। नगरपालिका में चल रहे इस फिल्मी ड्रामे की चर्चा पूरे कस्बे में यक्ष प्रश्न के जैसी बनी हुई है। जनता का सवाल है कि नगरपालिका में चल रहे इतने बड़े घटनाक्रम के बाद भी आखिर जनप्रतिनिधि शान्त क्यों है.? कस्बे के युवा पार्षद जिनसे जनता ने बड़ी उम्मीदें की थी वो भी मौन क्यों धारण किये हुए हैं और एक कार्यकर्ता से ऊपर उठ कर पालिकाध्यक्ष बनने वाले आज आंखे क्यों मूंद बैठे हैं। इन सवालों के जवाब अब इन जनप्रतिनिधियों को गली, चौराहों पर देने होंगे क्योंकि ये लोग जहां जा रहे हैं कोई ना कोई यह सवाल उठा ही लेता है कि आखिर मौन क्यो..?

अनाधिकृत रूप से प्रवेश, प्रताड़ित करने की पराकाष्ठा।
श्रीडूंगरगढ़। ईओ साहब सहित सभी लोग अनाधिकृत रूप से मेरे घर में घुसे, एक चोर के साथ किए जाने वाला व्यवहार मेरे साथ किया। यह मानसिक प्रताड़ना की पराकाष्ठा है। मैं बुरी तरह से अवसाद की स्थिति में आ गया हूँ। मंगलवार को मैं नगरपालिका में ही था, ईओ साहब ने लड़के को भेज कर मुझे पट्टों सबंधित फाइलें लेकर बुलाया। लेकिन अभी यही सुनिश्चित नहीं है कि उनके पास ईओ के अधिकार है या नहीं तो ऐसे में मैं पेन डाउन हड़ताल पर हूं। मेरे हड़ताल पर होने की सूचना दी तो ईओ ने मुझे घर जाने को कहा। मै वहां से घर आया और आकर जूते ही खोले थे कि ये सभी लोग धड़धड़ाते हुए मेरे घर में घुस गए। ऐसे हालात आज तक कि नोकरी में कभी नहीं देखे।
बाजिया, प्रारूपकार नगरपालिका श्रीडूंगरगढ़।

यह है मामला।
श्रीडूंगरगढ़। तीन बार हटाये जाने के बाद भी स्टे के बहाने से श्रीडूंगरगढ़ नगरपालिका में ईओ के पद पर जमे रहने वाले भवानी शंकर व्यास द्वारा इस बार अभी तक स्टे की कॉपी अपनी जॉइनिंग में नहीं दी गई है। इस कारण अभी तक नगरपालिका के विवादित पूर्व ईओ भवानी शंकर व्यास के पास ईओ का चार्ज पुनः होना निश्चित भी नहीं है। बिना अधिकार के जबरन ईओ पद का दुरूपयोग करने के कारण पालिका के कार्यालयकर्मियों का एक गुट उनके खिलाफ पेन डाउन हड़ताल पर चल रहा है तथा इन हड़ताली कार्मिकों को ईओ द्वारा कुछ जनप्रतिनिधियों के साथ मिल कर प्रताड़ित किया जा रहा है। इनमे से एक कार्मिक रविशंकर जोगी को तो पहले ही एपीओ कर दिया गया है और आज बाजिया की भी बेइज्जती कर यही धमकी दी गई है। कस्बेवासियों के लिए रोमांचक बात यह है की इन हड़ताली कार्मिकों के खिलाफ की जा रही कार्यवाही में पालिकाध्यक्ष मानमल शर्मा भी शामिल हैं और उनके हस्ताक्षर से ही एपीओ के आदेश निकाले जा रहे हैं।

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