
अर्जुन का विजयी रथ रोकने के लिए गोविंद की सेना तैयार






-खुलासा की खास रिपोर्ट
बीकानेर। लोकसभा चुनाव को लेकर बिगुल बज चूका है। बीकानेर लोकसभा सीट की बात करे तो यहां भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला होगा। यहां भाजपा से लगातार तीन बार चुनाव जीत चुके अर्जुनराम मेघवाल तो कांग्रेस से पूर्व विधायक गोविंद राम मेघवाल चुनावी मैदान में है। चुनावों के ऐलान के साथ ही जहां गोविंदराम मेघवाल कांग्रेस के बड़े नेताओं को एकसाथ लाने के प्रयास में जुट गए है तो वहीं अर्जुनराम मेघवाल के साथ सुमित गोदारा के अलावा किसी अन्य विधायक को साथ कम ही देखा गया है। जबकि जिले की सात में से छह विधानसभा सीटों पर भाजपा के ही विधायक है। हालांकि महापौर गुट जरूर अर्जुनराम मेघवाल के साथ नजर आ रहा है, लेकिन इसका फायदे की बजाय नुकसान ज्यादा हो सकता है। क्योंकि पूर्व और पश्चिम दोनों में ही महापौर की सक्रियता पिछले पांच सालों में कम ही नजर आयी है। कुछ पूर्व पार्षदों ने जहां दो दिन पहले अर्जुनराम का सम्मान किया , इससे उनको काफी फायदा मिलने की उम्मीद नजर आ रही है। हालांकि सियासी जानकारों की माने तो होली के बाद एकजुटता दिखाई जा सकती है। क्योंकि अप्रेल के दूसरे सप्ताह में बीकानेर में भाजपा के बड़े नेताओं की रैलियों के आयोजन हो सकते है। इससे अर्जुनराम मेघवाल को काफी फायदा मिलेगा। वहीं दूसरी तरफ गोविंदराम मेघवाल कांग्रेस के बड़े नेताओं को साथ में लाने की पूरी कोशिश में लगे हुए है और इसमें कहीं न कही सफलता भी मिल रही है। क्योंकि टिकट की घोषणा के बाद कोलायत से पूर्व विधायक रहे भंवर सिंह भाटी लगातार उनके साथ जुड़े हुए है तो वहीं श्रीडूंगरगढ़ से मंगलाराम गोदारा भी मेघवाल के लिए प्रचार में जुट गए है। साथ ही सोमवार को दिग्गज नेता और पूर्व मंत्री डॉ. बीडी कल्ला ने चुनाव कार्यलय के उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल होकर कांग्रेस की एकजुटता दिखाई। इससे यह कहना गलत नहीं होगा की अर्जुन का विजयी रथ रोकने के लिए गोविंद की सेना तैयार है।


