
बीकानेर : ढाणी में जन्मा लाडला बना रहा इतिहास, अब प्रधानमंत्री मोदी से चर्चा करते आयेगा नजर





खुलासा न्यूज़, बीकानेर संभाग। चूरू के सादुलपुर उपखण्ड की झाझडिय़ों की ढाणी में रामसिंह व जीवनी देवी के घर जन्मे देवेन्द्र झाझडिय़ा अब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से चर्चा करते नजर आएंगे। झाझडिय़ा से फिटनेस पर नरेन्द्र मोदी चर्चा करेंगे। यह कार्यक्रम फिट इंडिया मूवमेंट की प्रथम सालगिरह पर होगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए रूबरू होंंगे। बता दें कि फिट इंडिया मूवमेंट की पहली सालगिरह कोरोना वायरस के कारण अगस्त की बजाय अब 24 सितम्बर को मनाई जा रही है।
करंट से गवाना पड़ा था हाथ
देवेन्द्र जब लगभग आठ साल काथा, एक दिन अपने खेत पर स्थित एक पेड़ पर चढ़कर कार्य कर रहा था।पेड़ के अंदर से बिजली के तार गुजर रहे थे। करंट लगने से देवेन्द्र का बायां हाथ बुरी तरह जल गया। और खुद पेड़ से गिरकर बेहोश हो गया। परिजन उसे अस्पताल लेकर गए। हालात ऐसे बन गए,चिकित्सकों को आठ साल की उम्र में देवेन्द्र का हाथ काटना पड़ा। लेकिन देवेन्द्र ने हिम्मत नहीं हारी। परिजनों ने उसकी काबिलियत को देखते हुए आगे बढ़ाया। उसका उत्साहवर्धन किया। माता-पिता ने अभाव में जीकर देवेन्द्र को आगे बढ़ाने में पूरा सहयोग किया। निकटवर्ती गांव रतनपुरा की स्कूल में दसवीं तक अध्ययन किया। उसके बाद हनुमानगढ़ कॉलेज में बीए की पढ़ाई पूरी की। निशक्तता के बावजूद इस युवा ने एथलेटिक्स को चुना। 10 जून 1981 को जन्मे देवेन्द्र तैयारी के लिए सुबह-शाम और दोपहर खेतों में लकड़ी का भाला बनाकर फेंकते थे।
यह पुरस्कार मिल चुके
भाला फेंक के इस प्रसिद्ध खिलाड़ी को वर्ष 2004 में भारत के राष्ट्रपति की ओर से विशेष योग्यता पुरस्कार प्रदान किया गया। 2005 में राजस्थान सरकार ने महाराणा प्रताप पुरस्कार से नवाजा। पैराओलम्पिक कमेटी ऑफ इण्डिया ने 2005 का पीसीआई आउट स्टेडिंग परफोरमेंस अवार्ड प्रदान किया। राष्ट्रपति ने 2005 में अर्जुन पुरस्कार प्रदान किया। राजस्थान के महाराणा मेवाड़ फाउण्डेशन ने 2007 का अरावली सम्मान प्रदान किया। झाझडिय़ा को 2012 में पदमश्री अवार्ड प्रदान किया गया।
दर्ज है विश्व रिकॉर्ड
देवेन्द्र के नाम सबसे लम्बी दूरी का भाला फेंकने का विश्व रिकॉर्ड दर्ज है। उन्होंने वर्ष 2002 में 62.15 मीटर दूर तक भाला फेंककर कोरिया में हुए पेसेफिक गेम में नए विश्व रिकॉर्ड के साथ स्वर्ण पदक जीता। इसके अलावा वर्ष 2004 में एथेंस पैरा ओलम्पिक में भी स्वर्ण पदक जीता था।
ढाणी में जन्मा लाडला बना रहा इतिहास
छोटी सी ढाणी में जन्मे देवेन्द्र ने अंतर विश्वविद्यालय खेल प्रतियोगिता में सक्षम खिलाडिय़ों के साथ भाग लेकर 2001 में पहला स्वर्ण पदक प्राप्त किया।
-2002 में बुसान (दक्षिण कोरिया) में ; वें फेसफिक गेम्स में जीवन का प्रथम अंतरराष्ट्रीय स्वर्ण पदक प्राप्त किया।
-2003 में ब्रिटेन में ब्रिटिश ओपन चैम्पियनशिप में जेवेलिन में स्वर्ण पदक जीता।
-2004 के एथेंस ग्रीस पैरा ओलम्पिक में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास बनाया।
-2006 में मलेशिया पैरा एशियन गेम्स में स्वर्ण पदक जीता। कुआलालम्पुर (मलेशिया) में आयोजित 9वें पैरा एशियन खेलों में रजत पदक प्राप्त किया।
-2007 ताईवान में आयोजित पैरावल्र्ड गेम्स में स्वर्ण पदक प्राप्त किया।


