
विकास के मामले में अन्य शहरों से बीकानेर पीछे, सोशल मीडिया पर आमजन करने लगा हैं सवाल





खुलासा न्यूज, बीकानेर। एक समय था, जब जनता चाहकर भी अपनी बात को जिम्मेदारों तक नहीं पहुंचा पाती थी, लेकिन अब इंटरनेट व सोशल मीडिया के जमाने ने जनता को अपनी बात रखने का बड़ा मंच मिल गया है। जहां आम-आदमी अपनी सोच-विचार रख सकता है, अपनी बात खुलकर रख सकता है। इसी मंच के जरिए बीकानेर के लोग अब बीकानेर के विकास को लेकर खूब सवाल-जवाब करने लगे हैं। जिसमें सोशल मीडिया हमेशा सक्रिय रहने वाले कुछ जागरूक लोग तो विद प्रूफ के साथ अपनी बात रख रहे हैं। जिसमें शहर के बिगड़े हालातों को वीडिया या फोटेज के जरिए नेताओं व प्रशासनिक अधिकारियों तक पहुंचाने का काम कर रहे है। साथ ही अपने विचार भी रख रहे हैं और समाधान हेतु आईडिया भी शेयर कर रहे हैं। फिलहाल बारिश के बाद बिगड़े शहर के हालातों पर सोशल मीडिया पर खूब बाते चल रही हैं, अधिकांश लोग यही कहते हुए नजर आ रहे हैं कि विकास के मामले में बीकानेर अन्य शहरों से बहुत पीछे है। लोग विकास के मामले में बीकानेर की तुलना जयपुर, जोधपुर, कोटा, सीकर, उदयपुर सहित अन्य विकासशील शहरों से कर रहे हैं। साथ यह भी बता रहे हैं कि इन शहरों के मुकाबले में पहुंचते बीकानेर को 15 से 20 साल और लग जाएंगे। साथ ही साथ शहर के इस हालात को लेकर लोग नेताओं को कोसते हुए भी नजर आ रहे हैं, कोई कह रहा बीकानेर के एक भी नेता में विकास करवाने दम नहीं है, केवल और केवल दावे-वायदे करते है, जो कभी धरातल पर नहीं उतरते। चुनाव के समय वार्ड-वार्ड घूमने वाले नेताजी चुनाव जीतने के बाद एक बार भी वार्ड में नजर नहीं आते, केवल फीता कटवाने या फिर मंच पर भाषण देने के लिए देखे जा रहे है। हालांकि किसी पार्टी विशेष की, दोनों पार्टियों के नेताओं को लेकर सवाल-जवाब किये जा रहे है। लोगों का कहना है कि बीकानेर शहर का विकास होगा कैसे, अभी यहां के लोग मूलभूत सुविधाओं को तरस रहे है, जिसमें सड़क, पानी, बिजली, शिक्षा, स्वास्थ्य आदि है। मैट्रो जैसी व्यवस्था लागू होते-होते तो शायद बरस बीत जाएंगे। क्योंकि फिलहाल कोटगेटर ओवरब्रिज-अंडरब्रिज का विवाद ही उलझा पड़ा है। हर साल सड़कें नई बिछाई जाती है, वाले एक बारिश में उखड़ जाती है। नाले-नालियां गंदगी से अटे हुए पड़े है। शहर की सफाई व्यवस्था तो राम भरोसे है। शहर में जगह-जगह आवारा पशुओं व कुत्तों का जमावड़ा नजर आ रहा है। इसी तरह बिजली की व्यवस्था ने भी शहरवासियों को परेशान कर रखा है। अपराध में लगाम लगने की बजाय बढ़ता ही जा रहा है। युवा वर्ग नशे की भेंट चढ़ रहा है। अवैध गतिविधियां कम होने की बजाय बढती ही जा रही है। शहर की यातायात लगातार बिगड़ रही है, जिससे हर आम-आदमी को परेशान कर रखा है। ऐसे अनेक इन दिनों सोशल मीडिया पर छाये हुए है। इन सबके पीछे लोग केवल और केवल नेताओं को जिम्मेदार ठहरा रहे है, जो राजनीति में अपना भविष्य देखने वाले लोगों के लिए ठीक नहीं है।

