
सीमा पार से मौत का सौदा: बीकानेर रेंज में नशे का बाजार इतने गुना तक बढ़ा
















सीमा पार से मौत का सौदा: बीकानेर रेंज में नशे का बाजार इतने गुना तक बढ़ा
बीकानेर. भारत-पाक सीमा से सटे बीकानेर रेंज में नशे का कारोबार पिछले पांच वर्षों में खतरनाक रूप से फैल चुका है। जो कभी चुपचाप गली-गली में सीमित था, अब खुलेआम चल रहा है। सबसे चिंता की बात—महंगे और जानलेवा नशे का चस्का अब 15 से 20 साल के युवाओं में गहराई तक घर कर गया है। पुलिस आंकड़े बताते हैं कि रेंज के चारों जिलों में नशे की खपत 25 गुना तक बढ़ चुकी है।
महंगे नशे का नया दौर
दशक भर पहले तक नशे का मतलब डोडा-पोस्त, अफीम या देशी शराब होता था। अब ये नशे पिछड़ गए हैं और उनकी जगह हेरोइन, स्मैक, एमडीएमए, गांजा और चरस ने ले ली है। इनमें से हेरोइन और एमडीएमए जैसे नशे बेहद महंगे और स्वास्थ्य के लिए घातक हैं। तस्कर इन्हें पंजाब, दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान के अन्य हिस्सों से लाकर सप्लाई करते हैं। कुछ खेप सीधे सीमा पार से भी आती हैं।
जमीनी हकीकत
सड़क किनारे छोटे खोखे से लेकर पॉश कॉलोनियों के लैट तक, नशे की सप्लाई चुपचाप पहुंच रही है। कुछ युवाओं ने इसे फैशन और स्टेटस सिंबल बना लिया है। एक बार लत लगने के बाद, परिवार की जमा-पूंजी और भविष्य दोनों खतरे में पड़ जाते हैं।
फिर से विशेष अभियान
17 से 31 अगस्त तक 15 दिवसीय विशेष अभियान चलेगा। हर थाने में विशेष टीम बनाई गई है और रेंज स्तर पर मॉनिटरिंग होगी। इसका फोकस बड़े तस्करों को पकड़ने पर रहेगा, ताकि सप्लाई चेन तोड़ी जा सके।


