बीकानेर: प्रतिनियुक्ति पर आया कॉलेज व्याख्याता पहले बीडीओ बना, फिर पालिका ईओ का अतिरिक्त चार्ज भी लिया - Khulasa Online बीकानेर: प्रतिनियुक्ति पर आया कॉलेज व्याख्याता पहले बीडीओ बना, फिर पालिका ईओ का अतिरिक्त चार्ज भी लिया - Khulasa Online

बीकानेर: प्रतिनियुक्ति पर आया कॉलेज व्याख्याता पहले बीडीओ बना, फिर पालिका ईओ का अतिरिक्त चार्ज भी लिया

बीकानेर: प्रतिनियुक्ति पर आया कॉलेज व्याख्याता पहले बीडीओ बना, फिर पालिका ईओ का अतिरिक्त चार्ज भी लिया

बीकानेर। ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग ने एक आदेश जारी कर राजस्थान में विकास अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति पर ली गई सेवाएं समाप्त कर उनको वापस पैतृक विभाग में भेजने के आदेश दिए हैं। इसके साथ ही पूरे प्रदेश में ऐसे तीन बीड़ीओ को उनके पैतृक विभाग भेजा गया है। इसमें पंचायत समिति खाजूवाला के बीडीओ संत कुमार मीणा, डूंगरपुर के सागवाड़ा में बीडीओ मूलाराम सोलंकी व उदयपुर के कोटड़ा के बीडीओ छोटूसिंह काजला शामिल है। शुक्रवार को जैसे ही यह आदेश आया तो पंचायत समिति खाजूवाला के बीडीओ के साथ ही नगर पालिका के ईओ पद का अतिरिक्त प्रभार ले रखे संत कुमार मीणा के बारे में जानकारी मिली कि वे इस पद की योग्यता ही नहीं रखते थे। इईओ पद के लिए राजस्थान नगर पालिका सेवा का अधिकारी होना जरूरी होता है और बीडीओ के लिए आरडीएस ये दोनों ही नहीं थे। संत कुमार तो चूरू जिले की एक सरकारी कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर थे। वे प्रतिनियुक्ति पर पंचायती राज विभाग में आए थे और खाजूवाला के दो अहम् पदों को संभाल रहे थे। यह बात पूरे कस्बे में तेजी से फैली। कर्मचारियों और अधिकारियों का कहना था कि पिछले सात माह से एक व्याख्याता बगैर योग्यता के उनका अफसर बना हुआ था। हालांकि अभी तक उन्हें पंचायत समितियों से रिलीव किए जाने पर संशय बना हुआ है। खाजूवाला में वरिष्ठतम अधिकारी को विकास अधिकारी का चार्ज सौंपा गया हैं परंतु मूल पदों पर अधिकारियों को नहीं लगाया गया। इस संबंध में जब बीडीओ संत कुमार से बातचीत का प्रयास किया तो उनका फोन नेटवर्क में नहीं मिला।

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