
बीकानेर: धोखेबाज 3 आरोपियों में से एक को 4 साल का कारावास, तीनों ही फरार






बीकानेर: धोखेबाज 3 आरोपियों में से एक को 4 साल का कारावास, तीनों ही फरार
बीकानेर। अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट संख्या एक ने 13 साल पहले धोखाधड़ी से चांदी हड़पने के मामले में फरार चल रहे तीन में से एक आरोपी को चार साल के कारावास और दो लाख रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई है। तीन में से दो आरोपी तारीख पेशी पर नहीं आ रहे थे और फैसले के दौरान तीसरा आरोपी भी फरार हो गया। कोर्ट ने माना है कि पुलिस ने माना है कि पुलिस ने त्रुटिपूर्ण जांच की है जिसके लिए कलेक्टर को आवश्यक कार्यवाही के लिए लिखा जाएगा। परिवादी रामेश्वरसिंह ने वर्ष, 12 में नयाशहर थाना पुलिस को रिपोर्ट दी थी कि वह जोधपुर में चांदी के जेवर का काम करता है। 15 दिन पहले उसके पास दलपत चौधरी का फोन आया और उसने चांदी के जेवर आर्डर किए। 10 दिसंबर, 12 को सुबह वह प्रतापसिंह के साथ बीकानेर पहुंचा तो दलपत ने मोबाइल पर बताया कि वह सूरतगढ़ गया हुआ है और अपने भाई राजेन्द्र के मोबाइल नंबर दे दिए। राजेन्द्र से फोन पर बात कर रामपुरा बस्ती स्थित उसकी दुकान पर पहुंचे और करीब 14 किलो नगीने लगी चांदी की पायजेब उसे दी। वहां दिनेश नाम का शख्स भी बैठा था।
दोपहर करीब दो-ढाई बजे राजेन्द्र और दिनेश चांदी लेकर चले गए और वापस नहीं लौटे। पुलिस ने इस मामले की जांच की तो सामने आया कि दलपत, राजेन्द्र और दिनेश तीनों ही छद्म नाम थे। उन्होंने योजना बनाकर 14 किलो चांदी हड़प ली और फरार हो गए। वास्तव में जोधपुर निवासी सुरेश सोनी, नागौर निवासी अशोक सुथार और जायल निवासी जगदीश जाट ने योजना बनाकर परिवादी को धोखा दिया। आरोपियों ने किशनगढ़ में चंदू वैध और हड़मान सोनी को चांदी बेच दी थी। पुलिस ने सुरेश सोनी, अशोक सुथार और जगदीश जाट को गिरफ्तार कर कोर्ट में चालान पेश कर दिया। सुरेश सोनी के पिता जगदीश सोनी, खरीदार चंदू और हड़मान के खिलाफ अनुसंधान जारी बताया। बाद में केवल जगदीश सोनी के खिलाफ तितंबा चार्जशीट पेश की। कोर्ट में सुनवाई के दौरान अशोक सुथार जगदीश जाट ने तारीखों पर आना बंद कर दिया और फरार हो गए। फैसले के दौरान सुरेश सोनी भी नहीं आया। उसके पिता जगदीश सोनी मौजूद थे जिन्हें बरी किया गया। कोर्ट ने सुरेश को दोषी मानते हुए उसे चार साल के कारावास और दो लाख रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड की राशि में से 1.95 लाख रुपए परिवादी को आंशिक क्षतिपूर्ति के दिए जाएंगे और 5000 रुपए राजकोष में जमा होंगे। कोर्ट ने माना के पुलिस ने जांच त्रुटिपूर्ण की है। आरोपियों ने धोखे से हड़पी चांदी किशनगढ़ में चंदू, हड़मान को बेच दी थी। पुलिस वहां गई और उनकी दुकान तक पहुंचकर खरीदारों को नामजद भी कर लिया, लेकिन ना तो चांदी बरामद की और ना ही खरीदारों को आरोपी बनाया। ऐसे में लापरवाही या भ्रष्ट उत्प्रेरणा दर्शित होती है। त्रुटिपूर्ण अनुसंधान पर आवश्यक कार्यवाही के लिए बीकानेर कलेक्टर को फैसले की प्रति भेजी जाए।
सजायाफ्ता और फरार आरोपियों की गिरफ्तारी का जिम्मा एसपी को
कोर्ट ने फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए बीकानेर एसपी को आदेश दिए हैं। एसपी से कहा गया है कि फरार चल रहे अशोक और जगदीश जाट को अपने निर्देशन में गिरफ्तारी का प्रयास करें। इस संबंध में एसपी को भेजे गए पत्र की प्रतिलिपि पुलिस महानिदेशक और जोधपुर एसपी को भेजी जिसमें फरार आरोपियों के साथ ही सजायाफ्ता सुरेश सोनी को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश करने के लिए कहा गया है।
छद्म नाम से डील की, एक दिन के लिए दुकान किराये पर ली
मामले में आरोपियों ने छद्म नाम से चांदी के जेवर बनाने के व्यवसायी जोधपुर निवासी परिवादी रामेश्वरसिंह से डील की। जेवर हड़पने की योजना बनाई और इसके लिए बीकानेर के रामपुरा में 9 दिसंबर, 12 को दुकान किराये पर ली। आरोपी बीकानेर आकर देशनोक स्थित एक धर्मशाला में रुके थे। अगले दिन 9 दिसंबर, 12 को व्यवसायी रामेश्वरसिंह और प्रतापसिंह को रामपुरा बस्ती स्थित दुकान पर बुलाया और वारदात को अंजाम दिया। केवल एक दिन के लिए दुकान किराये पर रखकर दुकानदार को भी धोखे में रखा।


