बीकानेर स्वास्थ्य विभाग ने दो साल से कम उम्र के बच्चों को कफ सिरप नहीं लिखने की सलाह

बीकानेर स्वास्थ्य विभाग ने दो साल से कम उम्र के बच्चों को कफ सिरप नहीं लिखने की सलाह

बीकानेर स्वास्थ्य विभाग ने दो साल से कम उम्र के बच्चों को कफ सिरप नहीं लिखने की सलाह
बीकानेर ।कफ सिरप के सेवन से बच्चों की तबीयत बिगडऩे के मामले सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने एहतियात बरतना शुरू कर दिया है। चिकित्सकों को अब दो साल से कम उम्र के बच्चों को कफ सिरप नहीं लिखने की नसीहत दी गई है। साथ ही दो साल से बड़े बच्चों के लिए सिरप लिखते समय उसके अभिभावक से अनुमति लेने और दवा के बारे में समझाने के लिए कहा गया है।
प्रदेश के कई जिलों में कफ सिरप का बच्चों पर प्रतिकूल असर पडऩे के मामले सामने आए है। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने इस तरह की सलाह जारी की है। पीबीएम सहित सभी सरकारी अस्पतालों में भी कफ सिरप की आपूर्ति फिलहाल रोक दी गई है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. देवेन्द्र चौधरी ने बताया कि कफ सिरप की मॉनिटरिंग की जा रही है। इसके लिए जिलों में प्रभारी नियुक्त किए हैं। यदि किसी भी वेयर हाउस अथवा निशुल्क दवा वितरण केन्द्र पर कफ सिरप स्टॉक में है तो उसे तुरंत हटाने के निर्देश दिए जा चुके है। वैसे भी कफ सिरप की शीशी खोलने के बाद एक सप्ताह में उपयोग कर लेना चाहिए। एक सप्ताह बाद दवा का कोई असर नहीं रहता है।
मेडिकल स्टोर्स वाले भी नहीं दे रहे
सरकारी अस्पतालों में मुख्यमंत्री निशुल्क दवा वितरण योजना के तहत चिकित्सकों ने कफ सिरप लिखना बंद कर दिया है। अब निजी दवा विक्रेताओं ने भी नुकसान करने वाली कफ सिरप की बिक्री बंद कर दी है। बीकानेर कैमिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष बाबूलाल गहलोत ने बताया कि चिकित्सक नुकसान करने वाली कफ सिरप नहीं लिख रहे है। ज्यादा जरूरी होने पर मल्टीनेशनल कंपनी की कफ सिरप देते हैं।

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