गहलोत के बजट में थी बीकानेर को बड़ी उम्मीदें, कुछ पूरी हुई तो अधिकांश रह गई अधूरी - Khulasa Online गहलोत के बजट में थी बीकानेर को बड़ी उम्मीदें, कुछ पूरी हुई तो अधिकांश रह गई अधूरी - Khulasa Online

गहलोत के बजट में थी बीकानेर को बड़ी उम्मीदें, कुछ पूरी हुई तो अधिकांश रह गई अधूरी

खुलासा न्यूज, बीकानेर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बजट से बीकानेर को बड़ी उम्मीदों में कुछ पूरी हुई तो अधिकांश अधूरी रह गई। पीबीएम अस्पताल के ट्रोमा सेंटर पर करीब बीस करोड़ रुपए खर्च होंगे, जबकि श्रीकोलायत में फल मंडी की घोषणा की गई है। बीकानेर पश्चिम में सरकारी कॉलेज की उम्मीद पूरी हो गई है। इसके अलावा मुक्ता प्रसाद नगर की चौकी को थाने में अपग्रेड कर दिया गया है। शहरी क्षेत्र में एक सरकारी कॉलेज को लेकर भी उम्मीद पूरी हो गई है। बीकानेर के हेरिटेज को बढ़ावा देने के लिए पैकेज की उम्मीद पूरी नहीं हो सकी। पीबीएम अस्पताल के कायापलट को लेकर ट्रोमा सेंटर पर बीस करोड़ रुपए खर्च करने की घोषणा की गई है। ट्रोमा सेंटर पर अब एक और बिल्डिंग तैयार हो सकती है। साथ ही कई अत्याधुनिक उपकरण भी लगेंगे। नई वेंटीलेटर मशीने भी बीकानेर के ट्रोमा सेंटर पर आएगी। बीकानेर के अलावा श्रीडूंगरगढ़ में ट्रोमा सेंटर की मांग उठ रही है। नोखा के लिए बड़ी घोषणा की है। मुख्यमंत्री ने यहां के सहायक निदेशक कृषि विस्तार कार्यालय बनाने की घोषणा की है। यह घोषणा होते ही शहरवासियों में खुशी की लहर है। खास तौर पर किसानों ने इस घोषणा का स्वागत किया है। नोखा में विधायक बिश्नोई ने मुख्यमंत्री को 21 दिसंबर 2022 को पत्र भेजकर विधानसभा क्षेत्र नोखा उपजिला स्तरीय सहायक निदेशक कृषि विस्तार स्वीकृत करने की मांग की थी। जिसे इस बजट में पूरा किया गया है।

मेडिकल कॉलेज को बड़ा बजट मिलने की थी उम्मीद

यहां मेडिसिन विभाग के लिए नया भवन बन रहा है लेकिन एक नए अस्पताल परिसर की आवश्यकता जताई जा रही थी। बीकानेर मेडिकल कॉलेज को इस बार बड़ा बजट मिलने की उम्मीद पहले से थी। वहीं इंदिरा गांधी नहर की मरम्मत के साथ ही नया सिंचाई क्षेत्र खोलने की मांग है। इंदिरा गांधी नहर की अनूपगढ़ ब्रांच के बाद से आगे तक मरम्मत का कार्य अर्से से नहीं हुआ। बीकानेर सहित किसी भी क्षेत्र में नया सिंचाई क्षेत्र नहीं खोलने की डिमांड पर ध्यान नहीं दिया गया।

बीकानेर पश्चिम में महाविद्यालय की मांग अब हुई पूरी

बीकानेर पश्चिम में नया महाविद्यालय खोलने की मांग भी अर्से से उठ रही है। दरअसल, सरकारी कॉलेज के नाम पर बीकानेर में सिर्फ डूंगर और एमएस कॉलेज हैं। ये दोनों बीकानेर पूर्व में है, जबकि पश्चिम में महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय है। लड़कियों के लिए अलग कॉलेज की घोषणा की डिमांड अब पूरी हो गई है।

बजट से ये भी थी उम्मीद, लेकिन हाथ लगी निराशा

गहलोत के बजट में बीकानेर की जनता को काफी कुछ उम्मीदें थी। जिसमें बीकानेर अन्य संभाग मुख्यालय की अपेक्षा काफी पिछड़ा हुआ होने के कारण अंतर्राष्ट्रीय पाक सीमा पर स्थित संभाग मुख्यालय को विशेष बजट दिए जाने की आवश्यकता थी, जो पूरी नहीं हुई। बीकानेर नगर विकास न्यास को अपग्रेड करते हुए बीकानेर डेवलपमेंट अथॉरिटी की मांग थी। इसके साथ ही बीकानेर में हाई कोर्ट बेंच, ड्राई पोर्ट , फूड पार्क की स्थापना और रेल फाटकों की समस्या का निस्तारण करने की मांग वर्षों से उठ रही है, लेकिन निराशा हाथ लगी। जयपुर रोड पर बसी 52 कॉलोनियों तथा शहर के आसपास की ग्राम पंचायतों को बीकानेर नगर निकाय की सीमा में शामिल करते हुए निगम सीमा बढ़ाने की मांग थी। इसके साथ ही मास्टर प्लान के पेराफेरी क्षेत्र में बसी हुई कॉलोनियों के निवासियों को भी पट्टे दिए जाने की मांग इन दिनों जोरों से उठाई जा रही थी। पब्लिक पार्क में स्थित गंगा थियेटर और सादुल स्पोर्ट्स स्कूल के लिए पुनरुद्धार करने के लिए बजट की बड़ी उम्मीद थी। इसके साथ ही बीछवाल में प्रस्तावित जूलॉजिकल पार्क को विकसित करने, सभी प्रमुख राजमार्गों को बाईपास तक 6 लेन करने की प्रमुख मांगे थी। साथ ही राजस्थानी भाषा को दूसरी राजभाषा का दर्जा दिए जाने की मांग थी, परंतु इनमें एक भी मांग को बजट में पूरा नहीं किया गया।

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