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बीकानेर युवती दुष्कर्म हत्याकांड : एडिशनल एसपी ने लगाई दरखास्त, कोर्ट ने की खारिज

खुलासा न्यूज़, बीकानेर।  बीकानेर में युवती दुष्कर्म हत्याकांड मामले में पुलिस ने भले ही चालान पेश कर दिया हो, लेकिन गुत्थी अभी सुलझी नहीं है। जांच अधिकारी ने इस मामले में सरपंच पति सुमेरसिंह, बृजपाल, मोहित बिश्नोई को दोषी माना और सूर्या जोशी को निर्दोष माना। आईओ ने 20 नवम्बर को चालान पेश किया था। इसके बाद सीआरपीसी की धारा 169 के तहत एक दरखास्त कोर्ट में पेश करते हुए चौथे मुल्जिम सूर्या जोशी को रिहा करने की मांग की थी। आज कोर्ट ने आईओ पवन मीणा द्वारा लगाई गई दरखास्त (सीआरपीसी की धारा 169) खारिज कर दी और फाइल को दो दिसंबर को सेशन कोर्ट में रखते हुए मुल्जिमों को तलब किया है। बता दें कि जब आईओ एडिशनल एसपी ने चौथे मुल्जिम सूर्या जोशी को सीआरपीसी की धारा 169 के तहत रिहा करने की मांग कोर्ट में की तो न्यायाधीश ने कहा कि जब मुल्जिम के खिलाफ साक्ष्य ही नहीं तो गिरफ्तार क्यों किया? तब आईओ पवन मीणा ने कहा कि मेरी तफ्तीश में मुल्जिम सूर्या के खिलाफ किसी भी प्रकार का कोई साक्ष्य नहीं मिला है, पहले वाले आईओ भोजराज सिंह ने जांच की तब सूर्या को दोषी माना था।

ज्ञात रहे कि इस प्रकरण के पहले जांच अधिकारी तत्कालीन सीओ सदर भोजराज सिंह ने मुल्जिम सुमेर सिंह, मोहित, बृजपाल व सूर्या जोशी को दोषी माना था। तफ्तीश के दौरान मृतका के परिजनों द्वारा जांच अधिकारी पर आरोप लगाने के बाद आईजी ने जांच बदलते हुए एडिशनल एसपी पवन मीणा को सौंपी।

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