बीकानेर/ अब तक पांच एफआईआर दर्ज, बच्चा मिला तो होगी सख्त कार्यवाही

बीकानेर/ अब तक पांच एफआईआर दर्ज, बच्चा मिला तो होगी सख्त कार्यवाही

बीकानेर । जिला कलक्टर भगवती प्रसाद कलाल ने कहा कि जिले में किसी भी व्यावसायिक या औद्योगिक प्रतिष्ठान पर 18 वर्ष से कम आयु का एक भी बच्चा काम पर नियोजित नहीं होना चाहिए। इस पर नजर रखने के लिए सात टीमें गठित की गई हैं, यह टीमें सघन निरीक्षण करेंगी और यदि किसी वाणिज्यिक प्रतिष्ठान पर बाल श्रमिक मिला, तो संबंधित के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करवा कर कड़ी कार्यवाही की जाएगी।
जिला कलक्टर ने गुरुवार को कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित बैठक में कहा कि बालश्रम कानूनन अपराध तथा नैतिक और सामाजिक बुराई है। उन्होंने बताया कि इस अभियान का उद्देश्य बच्चों का बचपन बचाना और इनके सुदृढ़ भविष्य का निर्माण करना है।
टीमें करेंगी औचक निरीक्षण
बालश्रम उन्मूलन के लिए जिले में सात टीमें प्रतिदिन रेण्डम रूप से औचक निरीक्षण करेंगी। इस दौरान यदि बच्चों को नशा करवा कर श्रम में नियोजित करवाया जाना मिला तो ऐसे प्रकरण में मानव तस्करी के मामले दर्ज करवाए जाएंगे।
समझाइश की जाए, जागरूकता गतिविधियां भी हों आयोजित
जिला कलेक्टर ने कहा कि बच्चों को बाल श्रम में नियोजित करने से रोकने के लिए उनके परिवार जनों के साथ संवाद स्थापित कर समझाइश की जाए। ऐसे बच्चों को शिक्षा से जोड़ने तथा पुनर्वास के लिए भी विभिन्न गतिविधियां की जाए। भीख मांगने और कचरा बीनने वाले बच्चों के लिए भी विशेष रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जाए। जिला कलक्टर ने कहा कि इस दिशा में समझाइश के लिए संबंधित वार्ड पार्षद और अन्य गणमान्य लोगों के साथ टीमें ऐसे क्षेत्रों का दौरा करें और बच्चों के भविष्य को खराब होने से बचाएं। उन्होंने कहा कि कानूनी कार्रवाई के साथ-साथ लोगों में नैतिक संवेदना का विकास होना बहुत जरूरी है।
अब तक पांच एफआईआर दर्ज
बाल श्रम उन्मूलन के लिए गठित जिला स्तरीय टीम द्वारा अब तक 18 बच्चों का रेस्क्यू किया गया, जिनमें 12 बालिकाएं शामिल हैं। इनमें से पांच प्रकरणों में एफआईआर दर्ज करवाई जा चुकी है। जिला कलक्टर ने एफआईआर की स्टेटस रिपोर्ट उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए। उन्होंने आह्वान किया कि बाल श्रम करवाने वाले प्रतिष्ठानों के उत्पाद खरीदने का बहिष्कार हो, ऐसी पहल भी की जाए।
आरएएस अधिकारियों के नेतृत्व में काम करेंगी टीमें
बाल श्रम उन्मूलन के लिए गठित टीमों के लिए अतिरिक्त निदेशक रीपा अरुण प्रकाश शर्मा, डीडीआर स्वायत निकाय नरेंद्र पाल सिंह, डीआईजी स्टांप रामचंद्र बैरवा, एसीइएम बिंदु खत्री, एएसओ सुशीला वर्मा, आईसीडीएस उपनिदेशक शारदा चौधरी और अतिरिक्त आयुक्त (उपनिवेशन) राम रतन सौंकरिया के नेतृत्व में जिला स्तरीय टीमें गठित की गई हैं। इसमें मानव तस्करी प्रकोष्ठ, श्रम विभाग, बाल कल्याण समिति, किशोर न्याय बोर्ड व संबंधित थाने के बाल कल्याण अधिकारी को सदस्य बनाया गया है।
बैठक में जिला परिषद की मुख्य कार्यकारी अधिकारी नित्या के, अतिरिक्त जिला कलक्टर (शहर) पंकज शर्मा व टीम सदस्य मौजूद रहे।

Join Whatsapp
खबरें और विज्ञापन के लिए इस नंबर पर व्हाट्सएप करें- 76659 80000 |खबरें और विज्ञापन के लिए इस नंबर पर व्हाट्सएप करें- 76659 80000 |