बीकानेर/ शिक्षा विभाग की मनमानी : तीन सौ रुपए जमा नहीं कराए तो नहीं देंगे फाइनल एग्जाम के पेपर! - Khulasa Online बीकानेर/ शिक्षा विभाग की मनमानी : तीन सौ रुपए जमा नहीं कराए तो नहीं देंगे फाइनल एग्जाम के पेपर! - Khulasa Online

बीकानेर/ शिक्षा विभाग की मनमानी : तीन सौ रुपए जमा नहीं कराए तो नहीं देंगे फाइनल एग्जाम के पेपर!

खुलासा न्यूज, बीकानेर। शिक्षा विभाग अपनी मनमानी पर उतारू हो गया है। विभाग द्वारा मासिक पुस्तक खरीदने के लिए सरकारी व प्राइवेट स्कूल्स पर जबर्दस्त दबाव बनाया जा रहा है। न सिर्फ दबाव बनाया जा रहा है बल्कि मौखिक रूप से ये भी चेतावनी दी जा रही है कि पुस्तक खरीद के लिए तीन सौ रुपए जमा नहीं कराए गए तो स्टूडेंट्स के लिए फाइनल एग्जाम के पेपर नहीं देंगे। बता दें कि शिक्षा निदेशालय से पेपर नहीं देने के कोई निर्देश नहीं है।

राज्यभर में सरकारी व प्राइवेट स्कूल्स के लिए शिक्षा विभाग शिविरा नाम से पुस्तक प्रकाशित करता है। इसकी कीमत पूरे साल की महज तीन सौ रुपए है लेकिन स्कूल्स इनकी खरीद नहीं करते। ऐसे में इस बार स्कूल्स पर दबाव बनाने के लिए ये काम समान परीक्षा योजना को सौंपा गया है। समान परीक्षा योजना के माध्यम से ही जिले के स्कूल्स को फाइनल एग्जाम के पेपर मिलते हैं। अब शर्त रखी गई है कि जो स्कूल शिविरा की फीस जमा कराएंगे, उन्हें ही पेपर दिए जाएंगे। ऐसे में सरकारी व प्राइवेट स्कूल्स को न चाहते हुए भी शिविरा खरीदनी पड़ रही है।
समान परीक्षा योजना का जिम्मा हर जिले में एक सरकारी सीनियर सैकंडरी स्कूल को दिया जाता है। बीकानेर में राजकीय रावतमतल बोथरा सीनियर सैकंडरी स्कूल के पास ये जिम्मेदारी है। ऐसे में इसी स्कूल के माध्यम से सरकारी व प्राइवेट स्कूल्स पर दबाव बनाया जा रहा है।

अब सवाल उठला लाजमी है कि शिक्षा विभाग का ये कैसा दबाव ? शिविरा किताब की अलग अलग फीस क्यों है ? प्राइवेट स्कूल्स पर दबाव बनाया जाना क्या उचित है ? आखिर बीकानेर में राजकीय रावतमल बोथरा सीनियर सैकेडरी स्कूल द्वारा क्यों दबाव बनाया जा रहा है ? किसकी शह पर यह दबाव बनाया जा रहा है ? क्या यह स्कूल अपने स्तर पर दबाव बना रही है या निदेशक या अधिकारियों के दबाव के चलते यह दबाव बनाया जा रहा है ?

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