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बीकानेर संभाग : एथेनॉल फैक्ट्री का विरोध, दो दिन से इंटरनेट बंद, एडीजी बोले – बाहरी लोगों ने उपद्रव भडक़ाया, किसान नेता बोले – पुलिस के हथियार जंग लगे थे, नहीं तो ये सैकड़ों लोगों की जान ले लेते

बीकानेर संभाग : एथेनॉल फैक्ट्री का विरोध, दो दिन से इंटरनेट बंद, एडीजी बोले – बाहरी लोगों ने उपद्रव भडक़ाया, किसान नेता बोले – पुलिस के हथियार जंग लगे थे, नहीं तो ये सैकड़ों लोगों की जान ले लेते

हनुमानगढ़। हनुमानगढ़ में ड्यून एथेनॉल प्राइवेट लिमिटेड फैक्ट्री का विरोध-प्रदर्शन जारी है। गुरुवार को टिब्बी पहुंचे एडीजी वीके सिंह ने कहा- 10 दिसंबर को सबकुछ शांति से चल रहा था। बाहरी लोगों ने इस उपद्रव को भड़काया।

एडीजी ने कहा- कई ग्रामीण फैक्ट्री लगने के पक्ष में भी हैं। पुलिस की ओर से कोई फायरिंग नहीं की गई है। वे खोल कहां से लेकर आए, पता नहीं। कई लोग कैमरे में पत्थर फेंकते हुए और कानून तोड़ते हुए कैद हुए हैं।

इधर, अखिल भारतीय किसान सभा के जिला महासचिव मंगेज चौधरी बोले- पुलिस के हथियार जंग लगे थे, नहीं तो ये सैकड़ों लोगों की जान ले लेते। उन्होंने कहा- 17 दिसंबर को किसान कलेक्ट्रेट का घेराव करेंगे।

इससे पहले टिब्बी के गुरुद्वारा सिंह सभा में किसानों की सभा हुई। सभा में महिलाएं भी शामिल हुईं। वहीं सुबह किसान सभा में जा रहे कांग्रेस कार्यकर्ताओं को पुलिस ने पहले ही रोक दिया था।

विधायक रुपिंदर सिंह कुन्नर को भी पुलिस ने हिरासत में ले लिया था। किसानों ने चेतावनी दी है कि मांग पूरी नहीं होने तक आंदोलन जारी रहेगा।

40 से ज्यादा किसानों को हिरासत में लिया
एडीजी वीके सिंह ने कहा- 10 दिसंबर को हुई हिंसा में शामिल 107 से अधिक किसानों व ग्रामीणों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है। इनमें से 40 लोगों को हिरासत में लिया गया है। 36 से ज्यादा पुलिस और बॉर्डर होमगार्ड को चोट लगी है। पांच पुलिसकर्मियों को ज्यादा चोट लगी है।

10 दिसंबर को क्या हुआ?

बुधवार (10 दिसंबर) को किसानों ने जिले के राठीखेड़ा गांव में निर्माणाधीन ड्यून एथेनॉल प्राइवेट लिमिटेड फैक्ट्री की दीवार तोड़ दी। अंदर घुसे प्रदर्शनकारियों ने ऑफिस में भी आग लगा दी।

इसके बाद पुलिस-किसानों में जमकर पत्थरबाजी हुई। बवाल में कांग्रेस विधायक सहित 70 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। कुछ घायल रातभर टिब्बी के गुरुद्वारे में ही रुके रहे।

आज भी जिले के टिब्बी क्षेत्र में इंटरनेट बंद है। वहीं, फैक्ट्री के आसपास रहने वाले करीब 30 परिवार घर छोड़कर भाग गए हैं।

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