
बीकानेर जिले ने बदल दी लिंगानुपात की तस्वीर, सिर्फ एक आइडिया कर गया काम





बीकानेर में इस बार बेटियों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है. वर्ष 2023- 24 में जिले का लिंगानुपात बढ़कर 957 हो गया है. वर्ष 2022-23 की तुलना में 14 अंकों की बढ़ोतरी होना, घटते लिंगानुपात की चिंताओं के बीच एक सुखद परिणाम है. इन आंकड़ों के माध्यम से अब शिशु मृत्यु दर, मातृ मृत्यु दर और एनीमिया मुक्त बीकानेर बनाने की दिशा में चलाए गए मिशन शक्ति के अब दूरगामी परिणाम स्पष्ट दिखने लगे हैं.
स्थानीय प्रशासन की पहल पर प्रारम्भ किए गए शक्ति प्रोजेक्ट से न केवल बेटियों के स्वास्थ्य इंडेक्स में सकारात्मक बदलाव हुए हैं, बल्कि बेटियों के जन्म को एक उत्सव के रूप में मनाने, उनकी शिक्षा स्वास्थ्य के साथ-साथ पिछले दो वर्षों से लिंगानुपात में हो रही गिरावट के रुकने में बड़ी मदद मिली है. इस अभियान से वर्ष 2022-23 में जहां लिंगानुपात के घटने की दर कम हुई. तो वहीं वर्ष 2023- 24 में 14 अंकों के उछाल के साथ बढ़ोतरी दर्ज की गई है.
प्राप्त आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2019-20 में 1000 लड़कों के अनुपात में 976 लड़कियों का जन्म हुआ. वर्ष 2020-21 में यह घटकर 971 हो गया. वर्ष 2021-22 के दौरान लिंगानुपात में बड़ी गिरावट आई और जिले का लिंगानुपात मात्र 953 ही रह गया.
जिला कलेक्टर द्वारा वर्ष 2022 में प्रारंभ किए गए शक्ति कार्यक्रम का उद्देश्य एनीमिया मुक्त बीकानेर के साथ-साथ मातृ मृत्यु दर और शिशु मृत्यु दर को कम करना और समाज में बेटियों के प्रति सकारात्मक माहौल का निर्माण करना है.


