Gold Silver

बीकानेर न्यायालय का फैसला:8 दोषियों को आजीवन कारावास, 17 साल पहले तीजा पर हुआ था हमला

बीकानेर। न्यायालय एससी/एसटी कोर्ट के न्यायिक अधिकारी विनोद कुमार वाजा ने एससी/एसटी एक्ट से जुड़े मामले में निर्णय करते हुए मुलजिमान को आजीवन कारावास व अर्थदंड से आठ व्यक्तियों को दंडित किया है। प्रकरण इस प्रकार से है:- दिनांक 01.02.2006 को सोनियासर मिठिया बास श्री डूंगरगढ़ में रामकरण, श्रवणराम श्रीमती तीजा जाति मेघवाल जो कि इस मामले में परिवादीगण है। के खेत में रेखाराम, जेठाराम, डेलूराम, दीपाराम, धन्नाराम, चीमादेवी, ईमादेवी, मनोहरलाल, रतिराम, चतराराम, देवाराम, घासीराम, सीताराम ने अपने हाथों में गण्डासी, लाठी, बरछी, कुल्हाड़ी, जेई जैसे हथियारों से लैस होकर श्रवणराम, रामकरण, श्रीमती तीजा पर जानलेवा हमला कर दिया जिससे परिवादी रामकरण के शरीर पर गंभीर चोटे आने के कारण दौराने इलाज उसकी मृत्यु हो गयी व श्रवणराम व तीजादेवी के गंभीर चोटे आयी। न्यायालय में इनके विरुद्ध चालान प्रस्तुत किया गया। न्यायालय में धारा 147, 148, 302,302 / 149, 149, 323, 323/149, 307, 325, 325 / 149 व 3 एससी/एसटी एक्ट का चार्ज मुलजिमान के विरूद्ध लगाया गया। न्यायालय के समक्ष विशिष्ठ लोक अभियोजक श्री कुंवर कुंदन व्यास ने अभियोजन पक्ष की तरफ से कुल 30 गवाहान के बयान करवाये गये व गंडासी, लाठी, बर्फी, हथियारों व मेडिकल रिर्पोट व एफएसएल आदि को प्रदर्शित करवाया गया। बचाव पक्ष की ओर से तीन गवाह के बयान करवाये गये। न्यायालय ने विशिष्ठ लोक अभियोजक श्री कुंवर कुंदन व्यास द्वारा कराये गये गवाहान के बयानात व दस्तावेजात वजह सबूत, एफएसएल व हथियारों की रिर्पोट व मौका की रिर्पोट के आधार पर अलग अलग धाराओं में अलग अलग सजा सुनाते हुए सभी चार्ज को प्रमाणित माना । मुलजिमान जेठाराम, डेलूराम, धन्नाराम, चीमादेवी, ईमादेवी, मनोहरलाल घासीराम व सीताराम को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनायी गयी व अर्थदंड के रूप में दो हजार रूपये से दंडित किया गया है। पीडि़त पक्ष मेघवाल जाति के थे। मुलजिम रेखाराम, रतिराम, चतराराम, दीपाराम को साक्ष्य के अभाव में बरी किया गया है। व दीपाराम की दौराने अन्वीक्षा मृत्यु हो जाने के कारण उसके विरूद्ध कार्यवाही ड्रॉप की गयी। अभियोजन पक्ष की तरफ से पैरवी श्री कुंवर कुन्दन व्यास विशिष्ठ लोक अभियोजक द्वारा की गयी।

Join Whatsapp 26