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बीकानेर:फास्ट टैग लगा होने के बाद भी वसूला जा रहा है नकद टैक्स

खुलासा न्यूज, बीकानेर। देश भर में टोल से गुजरने वाले सभी वाहनों पर 15 फरवरी से फास्ट टैग को अनिवार्य कर दिया गया है। जिससे टोल प्लाजा पर यात्रा में कोई खलल ना पड़े। लेकिन बीकानेर में अगर आप अपने फर्राटेदार सफर का मजा लेना चाहते हैं तो आप बिल्कुल सावधान हो जाएं। बावजूद इसके कि आपने अपने वाहन पर बखूबी फास्ट टैग कोड लगाया है। लेकिन इसका फायदा आपको बीक ानेर के एक टोल नाके पर नहीं मिलेगा। सुनने में थोड़ा सा अजीब लग रहा होगा लेकिन श्रीडूंगरगढ़ के आडसर स्थित टोल प्लाजा पर फिलहाल ऐसा ही कुछ देखने के लिए मिल रहा है। दरअसल यहां से गुजरने वाले वाहन चालकों से उक्त वाहनों पर फास्ट टैग लगे होने के बाद मशीन द्वारा ही टोल टैक्स भुगतना पड़ रहा है। यहां तक तो ठीक ही है लेकिन जब वाहनों पर फास्ट टैग होने के बाद भी अगर टोल टैक्स के रूप में दोगुनी नगद राशि धड़ल्ले से ली जा रही हो तो फिर आप क्या कहेंगे। वहीं नगद पैसे से टोल टैक्स लेने के दौरान वाहनों की लंबी कतार भी लग जाती है।
फास्ट टैग लगा रखने के बावजूद दोगुना जुर्माना
आडसर स्थित देव दशरथ एसोसिएट टोल प्लाजा (95/200 किमी आडसर)पर सुबह से ही फास्ट टैग होने के बावजूद कई वाहनों से टोल टैक्स का नगद भुगतान करवाया जा रहा है। हालात यह है कि इस टोल प्लाजा पर ना ही गाड़ी के नंबर लिखते हैं और ना ही गाड़ी का नाम लिखते हैं। बस ऊपर बस या मिनी बस लिखकर टोल वसूल रहे हैं। ऐसे में गाड़ी के नंबर नहीं लिखने से गाड़ी की पहचान तक नहीं हो पाती। गाड़ी छोटी या बड़ी। ट्रक है बस है या कार है। इन सबके रेट अलग अलग लगते है। जबकि आल्हा और इंडिया में क्रूजर गाड़ी का कार का ही टोल टैक्स लगता है सिर्फ एक यही टोल नाका है जो बस का टोल वसूल रहा है।जब गाड़ी का नंबर लिखने का टोलकर्मियों को बोलते है तो लड़ाई पर उतर जाते है। यहां से निकलने वाले एक वाहन चालक ने खुलासा को बताया कि केंद्रीय परिवहन मंत्रालय ने जब 15 फरवरी से सभी वाहनों पर फास्ट टैग को अनिवार्य कर दिया गया है, तो फिर टोल टैक्स का भुगतान नगद पैसों में क्यों हो रहा है। उन्होंने कहा कि फास्ट टैग वाले वाहनों से भी तकनीकी समस्या बता कर जुर्माने के साथ उनसे नगद राशि जबरन ली जा रही है।
टोल प्लाजा कैसे काम करता है फास्टैग
टोल प्लाजा पर लगे रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन की मदद से फास्टैग को स्कैन किया जाता है, जो आपके बैंक अकाउंट से कनेक्ट होता। ऐसे में टोल की राशि आपके बैंक अकाउंट से अपने आप कट जाती है। वहीं इसके पश्चात टोल प्लाजा लगा गेट स्वत: खुल जाता है। फास्ट टैग का मूल उद्देश्य टोल टैक्स के लेनदेन को सरल और टोल प्लाजा पर लगने वाले लंबे जाम से लोगों को निजात दिलाना है।

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