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बीकानेर भाजपा बंटी दो धड़ों में, भाटी की वापसी पर कोई नेता नहीं बोल रहा खुलकर

बीकानेर । पूर्व मंत्री देवीसिंह भाटी ने पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के नौ अक्टूबर को बीकानेर दौरे की कमान पूरी तरह संभाल ली है। भार्टी समर्थक इस दौरे को उनकी भाजपा में वापसी के अवसर के रूप में प्रचारित कर रहे हैं। जबकि भाजपा संगठन में भाटी को लेकर कोई हलचल नहीं है। संगठन की अंदरूनी चर्चा के मुताबिक भाटी ने खुद ही पार्टी छोड़ी थी, पार्टी से निकाले नहीं गए थे। ऐसे में जब चाहें, पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर सकते हैं। उनकी वापसी का बड़े स्तर पर कोई आयोजन करने के मूड में संगठन नहीं है। पूर्व सीएम राजे के दौरे को लेकर भी अंदरखाने पार्टी समर्थक दो खेमों में बंटे हुए हैं। भाटी ने पूर्व सीएम राजे के देशनोक आने पर कार्यकर्ताओं के नेतृत्व में अगवानी करने की जिम्मेदारी ली है। बीकानेर शहर और मुकाम दौरे के दौरान भी भाटी पूर्व सीएम राजे के साथ रहेंगे। इसके लिए भाटी ने लूणकरनसर, नोखा, कोलायत और बीकानेर शहर में समर्थकों के साथ बैठकें भी कीं। राजनीतिक सूत्रों के मुताबिक, भाजपा शहर व देहात से भी भाटी को पार्टी में वापस लेने के लिए सुझाव भेजे गए हैं। हालांकि भाटी ने अभी भाजपा में अधिकारिक तौर पर वापसी करने की घोषणा नहीं की है।पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे बीकानेर प्रवास के दौरान विधायक सिद्धि कुमारी व दिवंगत पूर्व विधायक गोपाल जोशी के निवास पर जाएंगी। कोलायत के देशनोक, नोखा के मुकाम, बीकानेर पूर्व और पश्चिम विधानसभा क्षेत्र में दो-तीन जगह जाकर राजे सीधे तौर पर चार विधानसभा क्षेत्रों पर अपने समर्थकों में ऊर्जा फूंकने का प्रयास करेंगी। हालांकि लूणकरनसर और खाजूवाला विधानसभा क्षेत्र के बीकानेर के सटे क्षेत्र में भी राजे का कार्यक्रम रखने का प्रयास किया गया, लेकिन सिरे नहीं चढ़ा। ऐसे में लूणकरनसर के पूर्व विधायक दिवंगत मानिक चंद सुराणा और भाजपा के पूर्व देहात अध्यक्ष दिवंगत सहीराम दुसाद के बीकानेर शहर िस्थत निवास पर जाने का कार्यक्रम रखने की चर्चा है। इसके माध्यम से लूणकरनसर व देहात भाजपा की सभी सीटों पर राजनीतिक संदेश देने का प्रयास रहेगा।
पूर्व मंत्री देवीसिंह भाटी ने पिछले विधानसभा चुनाव के बाद लोकसभा चुनाव में अर्जुनराम मेघवाल को पार्टी प्रत्याशी नहीं बनाने की मांग उठाई थी। पार्टी ने जब मेघवाल को लोकसभा चुनाव में टिकट दे दिया, तो भाटी ने खुलकर मोर्चा खोल दिया। मेघवाल के विरोध में विधानसभा क्षेत्रों में बैठकें कीं। मेघवाल ने चुनाव में भाटी पर कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में वोट के लिए अपील करने की शिकायत पार्टी की अनुशासन समिति को की थी। पार्टी कोई कार्रवाई करती, इससे पहले ही भाटी ने खुद ही पार्टी छोड़ दी।

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